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Bangladesh Protest: सत्ता के लिए मोहम्मद यूनुस बना रहे नया प्लान, रातों-रात हुए तख्तापलट से लेकर अब तक क्या-क्या हुआ?

आरक्षण के एक मुद्दे को लेकर उठी चिंगारी ने बांग्लादेश में तख्तापलट कर दिया। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपना देश छोड़कर भारत आना पड़ा। शेख हसीना भारत रवाना हुई और महज कुछ ही मिनट में प्रदर्शनकारियों की भीड़ प्रधानमंत्री आवास में घुस गए। हालात ऐसे हुए कि शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा। देश से निकलने के बाद सेना ने पड़ोसी देश में अंतरिम सरकार बनाने का एलान किया।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Tue, 13 Aug 2024 07:11 PM (IST)
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आरक्षण की आग में जल रहा बांग्लादेश (Image: Jagan)

डिजिटल डेस्क, ढाका। Bangladesh Unrest:  5 अगस्त को बांग्लादेश की एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। तख्तापलट के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपना देश छोड़ना पड़ा और भारत के नई दिल्ली में शरण लेना पड़ा। बता दें कि प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों में लगभग 300 लोग मारे गए। खूनी हिंसा के बीच सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने अंतरिम सरकार की घोषणा की।

बता दें कि ये विरोध प्रदर्शन एक विवादास्पद नौकरी कोटा सिस्टम को लेकर शुरू हुआ। तो आइये जान लेते है बांग्लादेश में जुलाई से अगस्त के बीच क्या-क्या हुआ? आइये टाइमलाइन पर डाले एक नजर...

2 जुलाई: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सिविल सेवा भर्ती में कोटा सिस्टम को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन हुए। इसमें अलग-अलग कैटगरी के लोगों के लिए 56% नौकरियां आरक्षित हैं। छात्रों का कहना है कि यह भेदभावपूर्ण है।

10-12 जुलाई: छात्रों ने ढाका के सड़कों और शहर के बाहर हाइवे पर धरना-प्रदर्शन दिया, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गई। 

14 जुलाई: प्रधानमंत्री शेख हसीना ने युद्ध के दिग्गजों के बच्चों और नाती-नातिनों के लिए कोटा खत्म करने की छात्रों की मांग की आलोचना की। छात्रों ने नाराजगी जाहिर की। 

15 जुलाई: बीसीएल के कार्यकर्ताओं ने ढाका विश्वविद्यालय और ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोटा विरोधी छात्रों पर हमला किया। झड़पों में 300 से ज्यादा लोग घायल हुए।

16 जुलाई: झड़पें और फैली और उत्तर में ढाका, चट्टोग्राम और रंगपुर में कम से कम छह लोग मारे गए। आम छात्रों ने जवाबी कार्रवाई की और बीसीएल समूह को ढाका और राजशाही विश्वविद्यालयों से बाहर निकाल दिया और विश्वविद्यालय परिसरों में उनके नेताओं के कमरों में तोड़फोड़ की।

17 जुलाई: हसीना ने टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित किया, मौतों पर दुख व्यक्त किया और घोषणा की कि वह अपराधियों को जवाबदेह ठहराने के लिए न्यायिक जांच स्थापित करेंगी। कोटा के मामले में, उन्होंने छात्रों से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने का आग्रह किया। 

21 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने कोटा मामले में अपना फैसला सुनाया, सिविल सेवा नौकरियों के लिए अधिकांश कोटा समाप्त कर दिया और 93% स्थान सामान्य आवेदकों के लिए छोड़ दिए। हालांकि, इसके बाद भी कर्फ्यू जारी रहा और सात और लोग मारे गए।

3 अगस्त: ढाका में एक बड़ी रैली में छात्र आयोजकों ने मांग की- 'हसीना इस्तीफा दो' हसीना ने बातचीत की पेशकश की लेकिन छात्रों ने इसे अस्वीकार कर दिया।

4 अगस्त: ढाका और देश के कम से कम 21 जिलों में व्यापक झड़पें हुईं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हिंसा में कम से कम 90 लोग मारे गए। मृतकों में 13 पुलिसकर्मी भी शामिल थे, जिन्हें सिराजगंज में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। सरकार ने पूरे देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू फिर से लागू कर दिया।

छात्रों ने सरकार को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने के उद्देश्य से देश के सभी हिस्सों से ढाका तक मार्च निकालने की घोषणा की। सेना और पुलिस ने लोगों से कर्फ्यू न तोड़ने या कानून का उल्लंघन न करने का आग्रह किया।

5 अगस्त: ढाका और उसके आस-पास के इलाकों से हजारों लोग कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए ढाका के बीचों-बीच जमा हो गए। सेना ने शुरू में लोगों को रोकने की कोशिश की, लेकिन लोगों का गुस्सा काफी ज्यादा था। भीड़ ने हसीना के सरकारी आवास पर धावा बोल दिया।

5 अगस्त के बाद बांग्लादेश में अब क्या?

5 अगस्त की दोपहर में हसीना अपनी बहन शेख रेहाना के साथ पड़ोसी भारत के लिए रवाना हो गई। सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने कई राजनीतिक दलों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। इसमें जमात-ए-इस्लामी भी शामिल है, जिस पर सरकार ने कुछ दिन पहले ही प्रतिबंध लगाया था। जनरल ने कहा कि राष्ट्रपति से सलाह-मशविरा करने के बाद अंतरिम सरकार बनाई जाएगी।

सेना प्रमुख ने 20 दिनों तक चले हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए 300 लोगों को न्याय दिलाने का वादा किया, लेकिन लोगों के समूह ने निवर्तमान सत्तारूढ़ पार्टी के कई कार्यालयों के साथ-साथ हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान को समर्पित एक संग्रहालय पर भी हमला किया। बता दें कि वह देश के संस्थापक पिता थे। 

मंदिर में 'यूनुस' का दौरा

  • आज यानी मंगलवार को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने मंगलवार को ढाका में ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया। यहां उन्होंने हिंदू समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की।
  • बैठक के दौरान, उन्होंने हिंदुओं से नई अंतरिम सरकार पर निर्णय लेने से पहले 'धैर्य रखने' का आग्रह किया। 
  • इस बीच, अंतरिम सरकार ने लोगों से हिंदू मंदिरों, चर्चों और अन्य धार्मिक संस्थानों पर हमलों के बारे में जानकारी देने का आग्रह किया।
  • समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, यह कदम धार्मिक स्थलों, व्यवसायों और अल्पसंख्यक समुदायों की संपत्तियों में तोड़फोड़ की खबरों के बीच उठाया गया है।

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