हसीना अपनी बहन शेख रेहाना के साथ देश छोड़ दिया है। हिंसा की आग
(Violence In Bangladesh) की आग से धधक रहे पड़ोसी देश का असर निश्चित रूप से भारत पर पड़ने वाला है।
बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है उसकी शुरुआत कुछ हफ्ते पहले हो चुकी थी। सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर बांग्लादेश के तमाम शहरों में पिछले कुछ हफ्तों से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।आखिर क्या है आरक्षण का पूरा मामला पहले समझ लेते हैं।
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण में अनियमितताओं के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो उठा। हिंसा में अब तक 300 लोगों की मौत हो चुकी है। कुछ दिनों पहले ढाका में लाठियों और पत्थरों से लैस हजारों छात्र सशस्त्र पुलिस बलों से भिड़ गए थे।
प्रदर्शन को दबाने के लिए कई स्थानों पर मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थी। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि विरोध प्रदर्शन छात्रों द्वारा नहीं बल्कि “आतंकवादियों द्वारा आयोजित किया जा रहा है जो देश को अस्थिर करना चाहते हैं”। उन्होंने छात्रों से भी कहा कि वे उनसे बातचीत करें और विरोध प्रदर्शन न करें।
क्या है प्रदर्शनकारियों की डिमांड?
सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर छात्रों की सरकार से क्या डिमांड है और बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों को लेकर आरक्षण का क्या कानून है। दरअसल, बांग्लादेश में आरक्षण प्रणाली के तहत 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित हैं।इनमें से 30 प्रतिशत आरक्षण साल 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए रिजर्व है। वहीं, 10 प्रतिशत आरक्षण पिछड़े प्रशासनिक जिलों के लिए और 10 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षण रिजर्व है।
इसके अलावा पांच प्रतिशत आरक्षण जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए और एक प्रतिशत दिव्यांग लोगों के लिए रिजर्व है।
आरक्षण को लेकर क्या है विवाद?
इन सभी आरक्षण प्रणालियों में से विवाद उस 30 प्रतिशत आरक्षण को लेकर है, जो स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को दिए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छात्रों का कहना है कि सरकार उन लोगों को आरक्षण देने के पक्ष में है, जो शेख हसीना की सरकार का समर्थन करते हैं। छात्रों का आरोप है कि मेरिट के आधार पर सरकारी नौकरियां नहीं दी जा रही है।
प्रदर्शनकारियों के साथ खड़ी सेना
वर्तमान सेना प्रमुख वकर-उज-जमान ने भी शनिवार को अधिकारियों को एक अस्पष्ट बयान देते हुए कहा कि सेना "हमेशा लोगों के साथ खड़ी है।बता दें कि विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से कम से कम 11,000 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
शेख हसीना ने पीएम पद से दिया इस्तीफा
शेख हसीना ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ दिया, मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पांच दशक से भी अधिक समय पहले दक्षिण एशियाई राष्ट्र के जन्म के बाद से अब तक की सबसे भीषण हिंसा में और अधिक लोगों की मौत हो गई है।
सेना चलाएगी सरकार
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने कहा, "पीएम हसीना ने इस्तीफा दे दिया है, देश को चलाने के लिए अंतरिम सरकार बनाई गई है। हम देश में शांति वापस लाएंगे। हम नागरिकों से हिंसा रोकने के लिए कहते हैं। हम पिछले कुछ हफ़्तों में हुई सभी हत्याओं की जांच करेंगे।"
अलर्ट पर भारतीय सेना
भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है तथा सुरक्षा की समीक्षा के लिए बीएसएफ महानिदेशक मौके पर पहुंच गए हैं। सेना के अधिकारियों ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पड़ोसी देश के घटनाक्रम के मद्देनजर 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर अपनी सभी इकाइयों में सोमवार को 'हाई अलर्ट' जारी कर दिया।उन्होंने बताया कि बीएसएफ के महानिदेशक (कार्यवाहक) दलजीत सिंह चौधरी और अन्य वरिष्ठ कमांडर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए कोलकाता पहुंच गए हैं।
ममता बनर्जी ने की बंगालवासियों से अपील
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, "मैं बंगाल के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करती हूं। किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। यह दो देशों के बीच का मामला है, केंद्र सरकार जो भी फैसला लेगी हम उसका समर्थन करेंगे।"प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के संस्थापक मुजीबुर रहमान के आवास को आग लगा दी। बांग्लादेश की राजधानी के धानमंडी क्षेत्र में स्थित इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र (आईजीसीसी) और बंगबंधु स्मारक संग्रहालय को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है।
कोलकाता-ढाका-कोलकाता मैत्री एक्सप्रेस की सेवाएं रद्द
जानकारी के मुताबिक, कोलकाता-ढाका-कोलकाता मैत्री एक्सप्रेस की सेवाएं मंगलवार को रद्द रहेंगी। पूर्वी रेलवे ने एक बयान में कहा कि मैत्री एक्सप्रेस की सेवाएं (जो 19 जुलाई से चालू नहीं हुई हैं) 6 अगस्त को निलंबित रहेंगी।यह भी पढ़ें
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