भारतीय टैलेंट के मुरीद हुए सिंगापुर के पीएम, भारत के IIT-IIM की जमकर तारीफ की
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग 15 मई को अपना पद छोड़ देंगे। इसके पहले ली ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने 20 साल के कार्यकाल काे लेकर एक विस्तृत साक्षात्कार में चर्चा की। पीएम ली सीन लूंग ने कहा कि सिंगापुर विश्व स्तर पर प्रतिभाओं की खोज करता है। यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) के स्नातकों की सबसे बड़ी संख्या है।
स्टैनफोर्ड-हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से की IIT-IIM की तुलना
विस्तृत साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि वे भारत में शीर्ष संस्थान हैं और उनमें स्थान हासिल करना मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी या हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश पाने के बराबर है। वहां के पेशेवरों (आईआईटी-आईआईएम पूर्व छात्रों) ने सिंगापुर में एसोसिएशन बनाई हैं और समय-समय पर समारोह आयोजित करते हैं।"अगर मुझे ऐसा कोई पूल मिल जाए तो मैं यहां आऊं और काम करूं, यह हमारे लिए बहुत बड़ा लाभ है।"
'सिंगापुर में विदेशी प्रतिभा लाना जरूरी'
प्रधानमंत्री ने आईआईटी-आईआईएम के पूर्व छात्रों की गुणवत्ता पर प्रकाश डाला और जनशक्ति की मांग को पूरा करने के लिए सिंगापुर द्वारा विदेशी प्रतिभाओं को लाना जारी रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।लोगों को सहज महसूस कराना और खतरा महसूस न करना या सामाजिक तनाव पैदा न करना, ऐसा कुछ है जिसे प्रबंधित करना बहुत मुश्किल होगा, क्योंकि हमारे पास नकारात्मक पक्ष पर बहुत अधिक गुंजाइश नहीं है।आप यह नहीं कह सकते कि मैं सभी विदेशी कामगारों को भेज दूंगा और फिर कल हम ठीक हो जाएंगे।
सिंगापुर को दुनिया में अलग दिखने के लिए प्रतिभा की जरूरत है और आपके पास कभी भी पर्याप्त प्रतिभा नहीं हो सकती।