किसी एक छवि का मोहताज नहीं रहा है नेतन्याहू का व्यक्तित्व, एलीट कमांडो फोर्स का हिस्सा रहे चुके हैं बीबी
Benjamin Netanyahu की इजरायल में छवि एक जिम्मेदार नेता की रही है। वो कमांडो रह चुके हैं। इसके अलावा वकील भी हैं। उन्होंंने यूएन में देश का प्रतिनिधित्व किया है। सबसे लंबे समय तक वो पीएम रहने वाले एकमात्र नेता है।
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर से देश की सत्ता के शीर्ष पर काबिज हो रहे हैं। वो देश में सबसे लंबे समय तक पीएम पद पर रहने वाले एकमात्र नेता है। इतना ही नहीं देश के 7 दशक से अधिक के इतिहास में किसी भी दूसरे नेता ने इस तरह से वापसी नहीं की है जैसे नेतन्याहू की हो रही है। नेतन्याहू जून 2021 में यार लिपिड के हाथों मिली हार के बाद पद छोड़ना पड़ा था। उस वक्त जहां कुछ लोगों ने इसको नए दौर की शुरुआत कहा था वहीं नेतन्याहू ने अपनी वापसी की भविष्यवाणी की थी। अब ये भविष्यवाणी सच हो गई है।
सम्मानित परिवार
आपको बता दें कि नेतन्याहू और उनका परिवार इजरायल में काफी सम्मान पाता है। बेहद कम लोग इस बात को जानते हैं कि नेतन्याहू इजरायल की एलीट कमांडो फोर्स का हिस्सा रह चुके हैं। उन्होंने इस फोर्स के साथ कई स्पेशल आपरेशन में भी हिस्सा लिया है। इतना ही नहीं उनके भाई भी इसका हिस्सा थे। एक आपरेशन के दौरान उनकी मौत हो गई थी। नेतन्याहू की इजरायल में छवि एक ऐसे नेता की है जो फलस्तीन के खिलाफ काफी आक्रामक है। इजरायल में नेतन्याहू को राजनीति, कूटनीति और रणनीति का महारथी माना जाता है।
बीबी है मजबूती का नाम
73 वर्षीय नेतन्याहू को दुनिया बीबी के नाम से भी जानती है। भारत से उनका बेहद प्यार भरा रिश्ता रहा है। पीएम नरेन्द्र मोदी के इजरायल जाने से पहले उन्होंने ट्वीट कर कहा उनका करीबी दोस्त आया है। नेतन्याहू छठी बार देश के पीएम बनने को तैयार हैं। उनका हमेशा से यही मानना रहा है कि बातचीत से अधिक जरूरी है कि अपनी सुरक्षा को चाकचौबंद रखो और दुश्मन को करारा जवाब दो। इजरायल में उनकी वापसी उन तमाम खबरों और आरोपों को भी धता बता रही है जो उन पर लगाए गए थे।
इजरायल में जन्म, अमेरिका में हुई पढ़ाई
तेलअवीव में 1949 में जन्मे नेतन्याहू का परिवार 60 के दशक में अमेरिका चला गया था। वहां पर रहकर ही उन्होंने पढ़ाई पूरी की। 18 साल बाद जब वो देश वापस आए तो इजरायली सेना में भर्ती हुए। एलीट कमांडो फोर्स के मिशन में उन्होंने अपना पूरा योगदान दिया। नेतन्याहू दुनिया की प्रसिद्ध एमआईटी यूनिवर्सिटी से मास्टर की डिग्री हासिल किए हुए हैं। नेतन्याहू का व्यक्तित्व किसी एक छवि का मोहताज कभी नहीं रहा है। कमांडो, नेता एक बेहतर वकील, यूएन में इजरायल के राजदूत तक उन्होंने कई पड़ाव सफलतापूर्वक हासिल किए हैं।
पहली बार बने थे विदेश मंत्री
1988 में नेतन्याहू पहली बार चुनाव जीतकर देश के विदेश मंत्री बने थे। 1996 में वो पीएम बन गए। नेतन्याहू वो नेता थे जिन्होंने ओस्लो शांति समझौते के खिलाफ जमकर बोला था। 2001 में वो दोबारा विदेश और वित्त मंत्री बने हालांकि, बाद में उन्होंने कुछ मुद्दों पर नाराजगी के चलते पद से इस्तीफा भी दे दिया। 2009 में उन्होंने फिर पीएम के रूप में वापसी की इसके बाद, 2013, 2015, 2019, 2020 और 2021 में वो लगातार जीत हासिल कर पीएम बने रहे। अपने कार्यकाल में उन्होंने वेस्ट बैंक में निर्माण पर रोक लगाई। उन्होंने ईरान और यूएस की न्यूक्लियर डील को खराब बताया था। उनके पीएम रहते ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल का दौरा किया था और येरूशलम को इजरायली राजधानी का दर्जा दिया था।