Benjamin Netanyahu ने 2021 में ही कर दी थी सत्ता में वापसी की भविष्यवाणी, पीएम कार्यालय में छोड़ा था खास नोट
इजरायल के लिकुड पार्टी के नेता बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री पद पर वापसी करने की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी। नेतन्याहू ने जून 2021 में नाफ्ताली बेनेट को इजाराइल की सत्ता सौंपने के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में एक नोट छोड़ा थाजिसमें उन्होंने लिखा था मैं फिर से वापस आउंगा।

यरुशलम, पीटीआइ। इजरायल के लिकुड पार्टी के नेता बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री पद पर वापसी करने की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेतन्याहू ने जून 2021 में नाफ्ताली बेनेट को इजारायल की सत्ता सौंपने के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में एक नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने लिखा था मैं फिर से वापस आउंगा। टाइम्स आफ इजरायल ने अपने एक रिपोर्ट में बताया है कि नीले रंग के पेन में लिखे गए इस नोट में नेतन्याहू ने इजरायली ध्वज का चित्र बना कर 'बी राइट बैक!' लिखा था।
आम चुनाव में नेतन्याहू की जोरदार जीत
73 साल के नेतन्याहू ने पिछले सप्ताह ही आम चुनाव में जोरदार जीत हासिल की है। मालूम हो कि पिछले चार सालों के दौरान इजरायल में यह पांचवा आम चुनाव था, जिसमें किसी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला है। पिछले चुनावों के बाद सरकारें बनी जरूर लेकिन वे टिकाऊ साबित नहीं हुईं थी। इजरायल की राजनीति में नेतन्याहू हमेशा से सबसे बड़े नेता रहे है। लेकिन पिछले साल हुए चुनाव में उनके खिलाफ कई विपक्षी पार्टियां एकजुट हो गई थी, जिसके बाद उन्हें इजरायल का सर्वोच्च राजनीतिक पद छोड़ना पड़ा था। इजरायल के टेल अवीव में 1949 में जन्मे नेतन्याहू के नाम देश के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने का रिकार्ड है। एक बार फिर प्रधानमंत्री की गद्दी पर वापस आकर उन्होंने अपने विरोधियों को करारा जवाब दिया है।
विपक्ष में रहकर नेतन्याहू ने की थी सरकार की जमकर आलोचना
प्रधानमंत्री पद को छोड़ने के बाद से नेतन्याहू नफ्ताली बेनेट सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहे। उन्होंने हर मोर्चे पर ना केवल सरकारी नीतियों का विरोध किया, बल्कि सरकार के काम करने के रवैये पर भी जनता का ध्यान आकर्शित कराया। विपक्ष में रहने के दौरान नेतन्याहू ने सत्ताधारी दल पर आरोप लगाए की सत्ता के लिए ही अलग-अलग विचारधार रखने वाली पार्टियां साथ आई है। नेतन्याहू की इस मेहनत का फल उन्हें पिछले हफ्ते हुए आम चुनावों में मिला जिसमें उनके नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी दल लिकुड पार्टी ने 120 में से 64 सीटें जीतीं। मालूम हो कि उन्हें सत्ता में वापसी करने के लिए 61 सीटों की आवश्यकता थी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।