बाइडन और पुतिन शिखर बैठक में लेंगे हिस्सा, जानें- क्यों इस पर यूक्रेन के राष्ट्रपति ने जताया अफसोस
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेन्स्की जेलेंस्की ने कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने की योजना और रूस-से-जर्मनी तक की प्राकृतिक गैस पाइपलाइन को लेकर लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी ।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Mon, 14 Jun 2021 10:02 PM (IST)
जेनेवा, एएफपी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन स्विट्जरलैंड के जिनेवा में शिखर बैठक करेंगे। यह बैठक आगामी 16 जून को तय की गई है। इसके बाद बाइडन बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स जाएंगे। वहां पर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन नाटो की बैठक में शामिल होंगे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की ने पुतिन-बाइडन जिनेवा शिखर सम्मेलन को लेकर अफसोस जताया है। क्योंकि राष्ट्रपति जेलेंस्की इस शिखर से पहले बाइडन से मिलना चाहते थे।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने क्यों जताया अफसोस यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेन्स्की ने पुतिन-बाइडन शिखर सम्मेलन से पहले बाइडन से नहीं मिलने का अफसोस जताया है। जेलेंस्की ने एएफपी सहित अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि दोनों राष्ट्रपतियों के शिखर सम्मेलन से पहले यह बैठक करना बेहतर होता। राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन नाटो में शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके अलावा पुतिन के साथ महत्वपूर्ण बैठक में देरी को लेकर रूस पर गंभीर आरोप लगाया।
राष्ट्रपति बाइडन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से की मुलाकातजेलेंस्की ने कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने की योजना और रूस-से-जर्मनी तक की प्राकृतिक गैस पाइपलाइन को लेकर लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी। अमेरिकी मीडिया में पहले से चर्चा चल रही थी कि पुतिन से मिलने के पहले राष्ट्रपति बाइडन यूक्रेन के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। जिसके लिए जेलेंस्की को वाशिंगटन आमंत्रित किया जा सकता है। इसी वजह से राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की का अफसोस जताना लाजिमी है।
यूक्रेन और रूस के बीच विवाद रूस से यूरोप तक गैसपाइप लाइन यूक्रेन के इलाके से होकर जाती है। लेकिन नॉर्ड स्ट्रीम-2 परियोजना की मदद से रूस बिना यूक्रेन के क्षेत्र का प्रयोग किये बिना पूरे यूरोप को गैस भेजने में सफल हो जाएगा। राष्ट्रपति जेलेन्स्की को इस बात का डर है कि इससे रूस उनके देश को अलग-थलग करने की कोशिश करेगा। वैसे भी इन दोनों देशों के बीच विवादों का गहरा नाता है।