श्रीलंका में राष्ट्रपति के अधिकारों में कटौती करने वाला विधेयक कुछ हफ्तों में बन सकता है कानून: विदेश मंत्री
विदेश मंत्री साबरी ने कहा इस विधेयक को कानून बनने के लिए सदन में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी को स्थिरता को किनारे करने और देश के सबसे खराब वित्तीय संकट से उत्पन्न अशांति को कम करने में मदद करने का प्रस्ताव दिया गया।
By Ashisha Singh RajputEdited By: Updated: Mon, 05 Sep 2022 06:13 PM (IST)
कोलंबो, एजेंसी। श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी का सोमवार को बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि देश में राष्ट्रपति के अधिकारों को कम करने वाला विधेयक कुछ हफ्तों में बन सकता है। साबरी ने विदेश मंत्रालय में संवाददाताओं से कहा, 'नया संशोधन राष्ट्रपति की शक्तियों को कम करेगा और सहभागी शासन को वापस लाएगा।'
कानून बनने के लिए सदन में दो-तिहाई बहुमत की होगी आवश्यकता
विदेश मंत्री साबरी ने कहा, ' इस विधेयक, को कानून बनने के लिए सदन में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी, को स्थिरता को किनारे करने और देश के सबसे खराब वित्तीय संकट से उत्पन्न अशांति को कम करने में मदद करने का प्रस्ताव दिया गया।' आजादी के बाद श्रीलंका अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है।
देश की आर्थिक व्यवस्था पूरी तरह से तितर-बितरहो गई है। जनता की बुनियादी जरूरतें पूरी कर पाने में देश की सरकार असफल साबित हुई। वहीं पेट्रोल-डीजल से लेकर दूध और दूसरी खाद्य सामग्रियां इतनी महंगी हो गई हैं कि आम लोगों का जीवन एक बड़ा संघर्ष बन गया है।
जुलाई में श्रीलंका संकट उस समय सामने आया जब तत्कालीन राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, देश छोड़कर भाग गए और इस्तीफा दे दिया। बता दें कि राजपक्षे पर आर्थिक कुप्रबंधन का आरोप लगाया गया था। अब उनकी उनकी जगह रानिल विक्रमसिंघे ने ले ली।
संवैधानिक परिषद और नौ स्वतंत्र आयोगों की स्थापना
विदेश मंत्री साबरी ने बताया कि प्रस्तावित संशोधन शासन में सुधार के लिए एक संवैधानिक परिषद और नौ स्वतंत्र आयोगों की स्थापना करेगा। इसके साथ ही आयोग मानवाधिकारों को बढ़ावा देने, सरकारी एजेंसियों की ऑडिट निगरानी बढ़ाने और भ्रष्टाचार विरोधी जांच को बढ़ावा देने के लिए काम करेंगे। साबरी ने कहा कि श्रीलंका भी एक नया आतंकवाद विरोधी कानून तैयार करने की प्रक्रिया में है, जो अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप होगा।श्रीलंका करेगा इन अंतरराष्ट्रीय प्रयास का विरोध
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के अगले सप्ताह से शुरू होने वाले सत्र से पहले, विदेश मंत्री सबरी ने कहा कि श्रीलंका तमिल टाइगर उग्रवादियों के खिलाफ देश की लड़ाई के दौरान अधिकारों के उल्लंघन के सबूत इकट्ठा करने के किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रयास का विरोध करेगा। उन्होंने कहा, 'हमारा रुख बहुत स्पष्ट है। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक जीवंत भागीदार हैं और सभी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय भागीदारों के साथ चर्चा करने का इरादा रखते हैं।'