इजरायल में न्यायपालिका के अधिकार छीनने वाला बिल पास, सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी 64 सांसदों ने दी कानून की मंजूरी
Jerusalem कानून के समर्थन में वोट करने के लिए पीएम बेंजामिन नेतन्याहू भी संसद पहुंचे जो पिछले कुछ दिनों से हास्पिटल में भर्ती थे। इस विधेयक को नेतन्याहू के सत्तारूढ़ कट्टर दक्षिणपंथी गठबंधन के सभी 64 सांसदों ने मंजूरी दी है। यह कानून इजरायल में न्यायपालिका के अधिकार को सीमित कर देगा और सारी शक्तियां सरकार के पास आ जाएंगी।
यरुशलम, एजेंसियां। इजरायल की संसद में सोमवार को विवादास्पद न्यायिक सुधार बिल को कानून का रूप दे दिया गया। कानून के समर्थन में वोट करने के लिए पीएम बेंजामिन नेतन्याहू भी संसद पहुंचे, जो पिछले कुछ दिनों से हास्पिटल में भर्ती थे। इस विधेयक को नेतन्याहू के सत्तारूढ़ कट्टर दक्षिणपंथी गठबंधन के सभी 64 सांसदों ने मंजूरी दी है। दूसरी ओर विपक्षी सांसदों ने इसका बहिष्कार किया है।
कानून न्यायपालिका के अधिकार को कर देगा सीमित
इस विवादास्पद कानून के खिलाफ इजराइल में साल की शुरुआत यानी पिछले सात महीने से ही विरोध हो रहा है। विरोध करने वालों का दावा है कि यह कानून इजरायल में न्यायपालिका के अधिकार को सीमित कर देगा और सारी शक्तियां सरकार के पास आ जाएंगी। प्रस्तावों में एक विधेयक शामिल है जो संसद में साधारण बहुमत से सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को पलटने की अनुमति देगा, जबकि दूसरा संसद को जजों की नियुक्ति में आखिरी अधिकार देगा।
प्रदर्शनकारियों ने संसद के बाहर किया हंगामा
न्यायिक सुधार बिल पर सहमति के लिए आखिरी समय तक सरकार और विपक्ष के बीच बातचीत हुई लेकिन विफल रही। विपक्षी नेता याइर लापिड ने सोमवार को कहा कि इस सरकार के साथ ऐसे किसी समझौते पर पहुंचना असंभव है, जिससे लोकतंत्र सुरक्षित रहे। सरकार इस देश को तबाह करना चाहती है, लोकतंत्र, सुरक्षा, एकता और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को खत्म कर देना चाहती है। वोटिंग से पहले प्रदर्शनकारी संसद के बाहर पहुंच गए थे और पुलिस को हालात काबू में करने के लिए खासी मेहनत करनी पड़ी।