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Bolivia Coup: बोलीविया का काला इतिहास... ताश के पत्तों की तरह ढहती रही सरकार, तकरीबन 200 बार हुआ तख्तापलट

नाइजर में तख्तापलट का इतिहास कोई नया नहीं है। नाइजर सेना ने बकायदा राष्ट्रीय टेलीविजन के जरिए तख्तापलट का ऐलान किया है। साल 1960 में नाइजर को फ्रांस के औपनिवेशिक शासन से आजादी मिली थी और तब से लेकर अबतक यहां पर चार बार तख्तापलट हो चुका है लेकिन दक्षिणी अमरीकी देश बोलीविया में सबसे ज्यादा बार तख्तापलट हुआ है।

By Anurag GuptaEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sun, 06 Aug 2023 09:52 PM (IST)
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बोलीविया में हुआ सबसे ज्यादा तख्तापलट (जागरण ग्राफिक्स)
नियामी, ऑनलाइन डेस्क। Bolivia & Niger Coup: पश्चिमी अफ्रीकी देश नाइजर में हुए तख्तापलट की दुनियाभर में चर्चा हो रही है। दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में शुमार अमेरिका ने नाइजर तख्तापलट की निंदा की। वहीं, दूसरी ओर इस तख्तापलट के पीछे रूस का हाथ होने की संभावना जताई जा रही है। नाइजर सेना ने बकायदा राष्ट्रीय टेलीविजन के जरिए तख्तापलट का ऐलान किया।

नियामी मार्च में दिखे रूसी झंडे

नाइजर में हुए तख्तापलट के समर्थन में 30 जुलाई को राजधानी नियामी में एक मार्च निकाला गया। इस मार्च बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और उनके हाथों में रूसी झंडे दिखाई दिए। इसके अलावा रूसी राष्ट्रपति के नाम से नारे लग रहे थे। जिसके बाद सवाल खड़े होने लगे कि क्या इस तख्तापलट में रूस का कोई एंगल शामिल है?

नाइजर सेना ने राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम की सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंका, क्योंकि वह देश में बढ़ती जिहादी घटनाओं को रोकने में असफल रहे। ऐसे आरोप खुद विद्रोही गुट लगा रहे हैं।

नाइजर में कितने बार हुआ तख्तापलट

नाइजर में तख्तापलट का इतिहास कोई नया नहीं है। साल 1960 में नाइजर को फ्रांस के औपनिवेशिक शासन से आजादी मिली थी और तब से लेकर अबतक यहां पर चार बार तख्तापलट हो चुका है, लेकिन क्या आपको पता है कि एक देश ऐसा भी है, जहां पर तकरीबन 200 बार तख्तापलट की कोशिशें हो चुकी हैं। हम बात कर रहे हैं दक्षिणी अमरीकी देश बोलीविया की।

दक्षिणी अमरीकी देश में तख्तापलट का इतिहास

बोलीविया में नवंबर 2019 में तख्तापलट हुआ था, लेकिन वहां पर नाइजर की तरह सेना ने तख्तापलट नहीं किया था बल्कि विपक्षी नेताओं द्वारा तख्तापलट की कोशिशों को अंजाम दिया गया। बता दें कि बोलीवियाई सरकार ने 2019 में तख्तापलट की कोशिश के बाद हार मानकर इस्तीफा दे दिया था, लेकिन ऐसा क्यों हुआ? क्या आपने इसके बारे में कभी सोचा है।

दरअसल, जब किसी भी देश में असंतोष बढ़ता है तो विपक्षी दलों या फिर सेना का दबदबा बढ़ने लगता है और वो सीधे तौर पर दखल देने लगते हैं। ऐसी समस्याएं सबसे ज्यादा गरीब देशों में देखने को मिली है।

दवाओं, इत्र और अन्य महत्वपूर्ण सामग्रियों में इस्तेमाल होने वाला कोको इस तख्तापलट के पीछे ही असल वजह बना था। बोलीविया में कोको की पैदावार खूब होती है। ऐसे में कई देशों की नजर दक्षिणी अमेरिकी देश पर रहती है, क्योंकि वह बोलीविया में ज्यादा से ज्यादा जमीन लीज पर ले सकें।

राष्ट्रपति इवो को छोड़ना पड़ा था देश

2019 की बात की जाए तो विपक्ष ने सेना की मदद से निर्वाचित राष्ट्रपति इवो मोरालेस को सत्ता से उखाड़ दिया। इसके बाद इवो मोरालेस और उनके परिवार को निशाना बनाया। ऐसे में उन्होंने देश छोड़ना ही बेहतर समझा, लेकिन वो बोलीविया की सत्ता पर 14 साल तक काबिज रहे थे। उस वक्त तख्तापलट को लेकर अमेरिका की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे थे।

बोलीविया में कितने बार हुआ तख्तापलट?

खैर, ये तो बात 2019 की है, लेकिन स्पेन से 1825 में बोलीविया आजाद हुआ था। इसके बाद ये यहां पर अबतक 190 बार तख्तापलट की कोशिशें हो चुकी हैं। बोलीविया को स्पेन से आजादी 1825 में मिल तो गई, लेकिन तीन साल बाद भी तख्तापलट की कोशिशें शुरू हो गईं और आजाद बोलीविया में सत्ता और सेना के बीच संघर्ष शुरू हो गया।

यूं तो दूसरे देशों में गरीबी, भुखमरी और अराजकता की वजह से तख्तापलट की कोशिशें होती हैं, लेकिन बोलीविया में तख्तापलट की असल वजह कोको को माना जाता है।

क्या होता है तख्तापलट?

तख्तापलट एक गैर कानून प्रक्रिया है। ऐसे में सेना सरकार को दरकिनार कर देश में अपना नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश करती है और सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

नाइजर में अबतक चार बार तख्तापलट हुआ है।

तख्तापलट के मामले में दक्षिणी अमेरिकी देश बोलीविया का इतिहास काफी डरावना है, यहां पर अबतक तकरीबन 200 बार तख्तापलट हुआ है।