Move to Jagran APP

California Sikh family murder: 4 बिंदुओं में जानिए इस मर्डर की पूरी कहानी, CCTV और ATM कार्ड का क्‍या है रोल

California Sikh Family Murder 16 वर्ष पूर्व रणधीर सिंह और उनकी पत्‍नी किरणपाल कौर सरकारी नौकरी से त्‍यागपत्र देकर अमेरिका के कैलिफोर्निया के लिए रवाना हुए थे। अमेरिका जाने से पहले रणधीर सिंह पंजाब में सरकारी नौकरी में कार्यरत थे। पेशे से वह डाक्‍टर थे।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Tue, 18 Oct 2022 07:38 PM (IST)
Hero Image
California Sikh family murder: 4 बिंदुओं में जानिए इस मर्डर की पूरी कहानी। एजेंसी।
नई दिल्‍ली, जेएनएन। California Sikh Family Murder: अमेरिका के कैलिफोर्निया में सिख परिवार में पांच लोगों की हत्‍या से भले ही पर्दा उठ गया हो, लेकिन इसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। कैलिफोर्निया पुलिस को हत्‍या की गुत्‍थी को सुलझाने के लिए पुलिस को काफी मशक्‍कत करनी पड़ी। पुलिस की तफ्तीश आत्‍महत्‍या से शुरू हुई जांच धीरे-धीरे आगे बढ़ी और पुलिस ने हत्‍या आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। अपहरण से शुरू हुआ यह खेल कैसे हत्‍या तक पहुंचा। सीसीटीवी फुटेज और एटीएम कार्ड ने कैसे पुलिस की जांच को आसान कर दिया और हत्‍या आरोपी तक पहुंचने में कामयाब रही। इस कड़ी में हम आपको रणधीर और उनकी पत्‍नी किरणपाल की पंजाब के होसियारपुर से कैलिफोर्निया यात्रा से लेकर इस मर्डर तक के प्रमुख पड़ाव के बारे में बताएंगे।

A- कैलिफोर्निया का ग्‍लैमर रणधीर और किरण पाल को भी खींच ले गया

1- 16 वर्ष पूर्व रणधीर सिंह और उनकी पत्‍नी किरणपाल कौर सरकारी नौकरी से त्‍यागपत्र देकर अमेरिका के कैलिफोर्निया के लिए रवाना हुए थे। अमेरिका जाने से पहले रणधीर सिंह पंजाब में सरकारी नौकरी में कार्यरत थे। पेशे से वह डाक्‍टर थे। पंजाब सरकार में वह मेडिकल आफ‍िसर थे। उनकी पत्‍नी भी सरकारी स्‍कूल में अध्‍यापक थी। रणधीर सिंह मूलत: होशियारपुर के टांडा के रहने वाले थे। एक मध्‍यमवर्गीय परिवार में पैसे की कोई दिक्‍कत नहीं थी, लेकिन अमेरिका जाने का उनका सपना था। रणधीर सिंह के कई रिश्‍तेदार अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहते थे। रणधीर और किरणपाल की ख्‍वाहिश थी कि उनके बच्‍चों की शिक्षा-दीक्षा अमेरिका में हो। इसी चाह में उन्‍होंने अपना वतन छोड़ अमेरिका में बस गए।

2- पंजाब के होशियारपुर में यह कोई नई बात नहीं है। होशियारपुर के लोगों का बाहर जाने का क्रेज सिर चढ़ कर बोलता है। होशियारपुर में हर घर में युवा बाहर जाने का ख्‍वाब देखते हैं। अमेरिका का कैलिफोर्निया तो उन लोगों के लिए पंसदीदा जगह है। अमेरिका का कैलिफोर्निया उनको दूसरा होशियारपुर ही लगता है। अमेरिका के इस शहर में वह अनजाने नहीं लगते। कैलिफोर्निया में बड़ी तादाद में सिख परिवार के लोग रहते हैं। अधिकतर ने वहां की नागरिकता तक ले रखी है। अमेरिका का ग्‍लैमर रणधीर और किरण पाल को भी कैलिफोर्निया खींच ले गया।

B- सीसीटीवी फुटेज के बाद पुलिस ने बदली जांच की दिशा

सीसीटीवी के जरिए पुलिस ने बताया कि सोमवार रात करीब 9 बजे एक संदिग्ध व्‍यक्ति इमारत के बाहर खड़ा था। रणधीर के छोटे बेटे जसदीप ने उससे कुछ बात की। कुछ देर बाद ही संदिग्ध ने गन निकाल ली। गनपाइंट पर ही उसने अमनदीप, जसदीप, जसदीप की पत्नी जसलीन और बेटी आरोही का अपहरण कर लिया। यह फुटेज सामने आने के बाद से पुलिस की जांच की दिशा बदल गई। जो संदिग्ध फुटेज में नज़र आ रहा था, उसकी पहचान मैनुअल सालगाडो के रूप में हुई। लूटपाट के मामले में मैनुअल को 2005 में सजा हुई थी और उसे 11 साल जेल में बिताने पड़े थे।

C- एटीएम कार्ड के जरिए पुलिस हत्‍यारे तक पहुंची

इसके बाद पुलिस सक्रिय हो गई। आरोपी जीसस सालगाडो की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू हो गई। पुलिस ने उस हर व्‍यक्ति से पूछताछ की जिसका आरोपी से संबंध था। इस बीच एक और दुखद खबर सामने आई। अपहरण कें दो दिन बाद इंडियाना रोड हचिंसन रोड के निकट एक बाग में कुछ मजदूरों ने चार लोगों की लाश देखी। सिख पर‍िवार को गोली मारी गई थी। सभी के शव आसपास पड़े थे। अपराधी जीसस सालगाडो और पुलिस के बीच लुका-छिपी का खेल चलता रहा। पुलिस ने जीसस सालगाडो की तलाश में चप्‍पे-चप्‍पे पर पहरा लगा दिया। सालगाडो की एक गलती ने उसे पुलिस के पास पहुंचा दिया। दरअसल, पीड़‍ित के एटीएम कार्ड का इस्‍तेमाल करते ही उसका लोकेशन पुलिस को मिल गया। पुलिस को देखते ही सालगाडो ने आत्‍महत्‍या की कोशिश की, लेकिन वह पुलिस के हत्‍थे चढ़ गया।

D- पुलिस की पूछताछ के बाद सच सामने आया

1- पूछताछ के दौरान पुलिस ने यह पता लगया कि आरोपी पहले पीड़ित परिवार को जानता था। वह पीड़‍ित परिवार के यहां काम करता था। परिवार के करीबी लोगों का कहना है कि सालगाडो करीब एक साल पहले अमनदीप और जसदीप के यहां नौकरी कर रहा था। हालांकि, उसने कुछ ही महीने काम किया। बाद में उसे नौकरी से निकाल दिया गया। शायद उसने इसी का बदला लिया। परिवार की बात में दम इसलिए नजर आता है, क्योंकि कंपनी से कुछ भी लूटा नहीं गया है। यहां तक कि पीड़ितों ने जो गहने पहने थे, वह भी लाश से नहीं उतारे गए। पुलिस पहले आरोपी और पीड़ित परिवार के बीच किसी कनेक्शन से इनकार कर रही थी, लेकिन अब उसने भी मान लिया है कि मामला पुराने विवाद से जुड़ा है।

2- पुलिस अब इस बात का पता लगा रही है कि पी‍ड़‍ित परिवार के बीच उसका क्‍या विवाद था। पुलिस का कहना है कि इस वारदात में कम से कम दो लोग शामिल हो सकते हैं। कैलिफोर्निया के सुधार एवं पुनर्वास विभाग के अनुसार जीसस सालगाडो को 2007 में एक मामले में 11 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। बाद में उसे रिहा कर दिया गया था। सालगाडो ने जिस परिवार का अपहरण किया, उसमें आठ महीने की बच्ची आरोही ढेरी, उसकी 27 वर्षीय मां जसलीन कौर, पिता जसदीप सिंह, और अमनदीप सिंह शामिल थे।