पोखरा एयरपोर्ट नेपाल के लिए बना गले की हड्डी, चीन के ब्याज को बताया अधिक तो नेपाली पत्रकार से उलझे चीनी राजदूत
नेपाल में चीन के राजदूत चेन सोंग एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए चीन के एग्जिम बैंक से लिए गए ऋण पर ब्याज दर को लेकर चीनी राजदूत नेपाल के एक वरिष्ठ पत्रकार से इंटरनेट मीडिया पर उलझ गए। पत्रकार गजेंद्र बुधथोकी ने दावा किया है कि 21.596 करोड़ डॉलर ऋण की वास्तविक ब्याज दर तय शर्तों से कहीं ज्यादा है।
आईएनएस, काठमांडू। नेपाल में चीन के राजदूत चेन सोंग एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए चीन के एग्जिम बैंक से लिए गए ऋण पर ब्याज दर को लेकर चीनी राजदूत नेपाल के एक वरिष्ठ पत्रकार से इंटरनेट मीडिया पर उलझ गए। पत्रकार गजेंद्र बुधथोकी ने दावा किया है कि 21.596 करोड़ डॉलर ऋण की वास्तविक ब्याज दर तय शर्तों से कहीं ज्यादा है।
बुधथोकी ने एक्स पर पोस्ट किया, "पोखरा हवाई अड्डे के लिए दो प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण लिया गया था, लेकिन यह दर पांच प्रतिशत है।" बुधथोकी के पोस्ट के उत्तर में राजदूत चेन ने 28 मई को लिखा, "यह सबसे बड़ा झूठ है। यह सार्वजनिक जानकारी है, फिर भी आप झूठ बोलने का साहस कर रहे हैं।"
राजदूत इतने पर ही नहीं रुके और बुधथोकी से औपचारिक रूप से माफी मांगने को कहा। राजदूत के इस व्यवहार का नेपाल में अच्छा प्रभाव नहीं पड़ा है। कई लोगों ने राजदूत पर पत्रकार को धमकाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने पूरी तरह राजनयिक प्रोटोकॉल का निरादर किया है।
राजदूत चेन ने एक्स पर लिखा, "हम आपसे और आपके प्रतिनिधि से औपचारिक माफी की मांग करते हैं। यदि आपके पास दस्तावेज हैं, तो उन्हें प्रकाशित करें। यदि आपके पास नहीं हैं और आपको सबूत खोजने के लिए समय चाहिए, तो यह किस तरह का इरादा है? पहले झूठ फैलाना, फिर ज्वार के कम होने का इंतजार करना और फिर से उन्हें फैलाना।"
बुधथोकी ने एक्स पर जवाब देते हुए कहा, "मुझे डराओ मत। अपनी सीमाओं को जानो चेन। मेरे पास नेपाल सरकार से सबूत हैं।" उन्होंने आगे लिखा, "सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए बयानों को लेकर चीनी राजदूत और उनके प्रति वफादार लोगों की ओर से मुझे जो व्यक्तिगत हमला और धमकी मिली है, उसने मेरी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।"
बता दें कि नेपाल में कई पत्रकारों और राजनयिकों ने चीनी राजदूत की टिप्पणियों की आलोचना की है। इतना ही नहीं, उन्हें मानक राजनयिक आचरण के मानदंडों से परे बताया है। पूर्व विदेश सचिव और राजदूत मधु रमन आचार्य ने एक्स पर लिखा, "किसी विदेशी राजदूत द्वारा मेजबान देश के पत्रकार से सोशल मीडिया पोस्ट के लिए माफी मांगना असामान्य है। वह इसका खंडन कर सकते हैं या सरकार से स्पष्टीकरण मांग सकते हैं। विदेश मंत्रालय को राजदूत को 'सार्वजनिक कूटनीति' की सीमाओं और सीधे जुड़ाव के जोखिमों की याद दिलानी चाहिए।"