भारत की ताकत से डरा ड्रैगन! ब्रह्मोस मिसाइल की डिलीवरी से पहले फिलीपींस के पास दिखे चीनी ड्रोन
भारत से ब्रह्मोस मिसाइल की डिलीवरी से पहले चीनी सैन्य ड्रोन को फिलीपींस के करीब उड़ते देखा गया। रिपोर्ट के अनुसारWZ-7 ड्रोन को पश्चिमी फिलीपीन सागर के आसमान को पार करते हुए देखा गया। फिलीपीन सागर उत्तर-पश्चिम में दक्षिण चीन सागर का एक क्षेत्र है।भारत से ब्रह्मोस मिसाइलों के अधिग्रहण को क्षेत्र में चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए फिलीपींस द्वारा एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
एएनआइ, मनीला। भारत से ब्रह्मोस मिसाइल की डिलीवरी से पहले चीनी सैन्य ड्रोन को फिलीपींस के करीब उड़ते देखा गया। यूरेशियन टाइम्स के मुताबिक, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का यह WZ-7 सोरिंग ड्रैगन ड्रोन था। रिपोर्ट के अनुसार, WZ-7 ड्रोन को पश्चिमी फिलीपीन सागर के आसमान को पार करते हुए देखा गया। बता दें कि फिलीपीन सागर उत्तर-पश्चिम में दक्षिण चीन सागर का एक क्षेत्र है।
भारत से ब्रह्मोस मिसाइलों के अधिग्रहण को क्षेत्र में चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए फिलीपींस द्वारा एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। 19 अप्रैल को ब्रह्मोस मिसाइल मनीला पहुंची थी। यह मिसाइल फिलीपीन सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से 'होराइजन 2' प्राथमिकता परियोजनाओं के हिस्से के रूप में खरीदा गया है।
भारत के साथ सौदे में क्या-क्या
सरकार-से-सरकार (जी2जी) सौदे के माध्यम से की जाने वाली डिलीवरी में तीन मिसाइल बैटरी, ऑपरेटर और अनुरक्षक प्रशिक्षण और एक एकीकृत लॉजिस्टिक्स सपोर्ट (आईएलएस) पैकेज शामिल है। द यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्येक मिसाइल बैटरी में आम तौर पर दो या तीन मिसाइल ट्यूबों के साथ तीन मोबाइल स्वायत्त लांचर शामिल होते हैं, जिनमें आवश्यक ट्रैकिंग सिस्टम भी होते हैं।संयोग या चीन की कोई चाल?
ब्रह्मोस मिसाइलों की डिलीवरी से पहले WZ-7 ड्रोन का देखा जाना एक दिलचस्प संयोग माना जा सकता है। विशेष रूप से, यह घटना फिलीपींस और अमेरिका के बीच 'बालिकाटन 2024' अभ्यास की शुरुआत से पहले हुई है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) द्वारा उड़ाए गए जेट-संचालित WZ-7 की सर्विस सीलिंग 60,000 फीट से अधिक और रेंज लगभग 4,350 मील है।
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