लोकप्रियता के ग्राफ में पिछ़ड गए चीनी राष्ट्रपति, PM मोदी ने मारी बाजी, 7 वर्षों में 7वें पायदान से शीर्ष पर पहुंचे
पीएम के अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी दुनिया के अन्य शीर्ष नेताओं को पीछे करते हुए लोकप्रियता के शीर्ष पर पहुंच गए हैं। वर्ष 2015 से 2021 तक यानी पीएम मोदी की पहली पारी से दूसरी पारी तक मोस्ट पापुलर नेताओं की सूची में कितना बदलाव है।
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Sun, 07 Nov 2021 01:15 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। सात वर्ष पूर्व दुनिया के टाप 10 मोस्ट पापुलर नेताओं की लिस्ट में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग छठवें स्थान पर थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सातवें स्थान पर थे। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला और नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। सत्ता ग्रहण करने के बाद नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से बढ़ा। खास बात यह है कि उनकी लोकप्रियता का ग्राफ निरंतर बढ़ता गया। पीएम के अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी दुनिया के अन्य शीर्ष नेताओं को पीछे करते हुए लोकप्रियता के शीर्ष पर पहुंच गए हैं। आइए जानते हैं कि वर्ष 2014 से 2021 तक यानी पीएम मोदी की पहली पारी से दूसरी पारी तक मोस्ट पापुलर नेताओं की सूची में कितना बदलाव है।
चीन के राष्ट्रपति टाप 10 मोस्ट पापुलर नेताओं की सूची से बाहर
- वर्ष 2015 में एक ग्लोबल सर्वे में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग दुनिया के टाप 10 मोस्ट पापुलर नेताओं की लिस्ट में शामिल थे। उस वक्त वह इस लिस्ट में छठवें स्थान पर थे। लेकिन हाल में जारी इस लिस्ट में उनका नाम नदारद है। उनकी लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से गिरा है। बता दें कि 2018 से चीन के राष्ट्रपति ने अपना पूरा ध्यान चीन की आंतरिक राजनीति पर फोकस किया है और उन्होंने करीब 21 महीनों में कोई विदेश दौरा नहीं किया है। इसको लेकर वह सुर्खियों में भी रहे।
- इस सर्वे के मुताबिक वर्ष 2015 में दुनिया के टाप 10 मोस्ट पापुलर नेताओं की लिस्ट में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा पहले स्थान पर थे। जर्मनी की चांसलर एंजेला डोरोथी मर्केल को दुनिया की दूसरी सबसे लोकप्रिय नेता के तौर पर वोट किया था। ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री और कंजर्वेटिव पार्टी के नेता डैविड विलियम डोनाल्ड कैमरन आतंकवाद के खिलाफ अपने कदमों को लेकर चर्चा में रहे थे। उन्हें विश्व के टाप 10 नेताओं में तीसरे स्थान पर वोट किया गया था। फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद को इस लिस्ट चौथा स्थान हासिल किया था। 5वें नंबर पर हैं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन थे। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को इस लिस्ट में छठा स्थान मिला था।
खास बात यह है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस लिस्ट में 7वां स्थान मिला था। पीएम मोदी के लिए करीब 65 देशों से 24 फीसद लोगों ने मतदान किया। अहम बात यह है कि मोदी को यह स्थान सत्ता ग्रहण करने के करीब एक वर्ष बाद मिला था। इसके बाद मोदी ने पलट कर नहीं देखा। वह लोकप्रियता की रेटिंग लिस्ट में लगातार जंप करते रहे। कोरोना महामारी के प्रथम लहर में उनका बेहतरीन प्रबंधन और माहामारी से निपटने का उनका संकल्प, कौशल और नेतृत्व दुनिया के अन्य नेताओं के लिए सबब बना। उस वक्त उनके लोकप्रियता का ग्राफ चरम पर था। हालांकि, कोरोना की दूसरी लहर में उनका ग्राफ थोड़ा नीचे आया, इसके बावजूद वह शीर्ष स्थान पर बने हुए हैं।
इस साल जनवरी में भी टाप पर थे पीएम मोदी
मार्निंग कंसल्ट की तरफ से इस साल की शुरुआत में भी ऐसा ही सर्वे किया गया था। उस सर्वे में भी प्रधानमंत्री मोदी पहले स्थान पर थे। उस समय प्रधानमंत्री मोदी की स्वीकार्यता रेटिंग 55 फीसद थी। उस सर्वे में 75 फीसद लोगों ने नरेंद्र मोदी का समर्थन किया था। वहीं, 20 फीसद ने उन्हें अस्वीकार किया था। इससे उनकी कुल स्वीकृति रेटिंग 55 रही थी, जो बाकी नेताओं की तुलना में अधिक थी।
बाइडन और चांसलर भी पीएम मोदी के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता देश ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी काफी बढ़ रही है। डेटा फर्म मार्निंग कंसल्ट के सर्वे में नरेंद्र मोदी स्वीकार्यता रेटिंग में सबसे आगे है। सर्वे में पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन समेत दुनिया के 13 दिग्गज राष्ट्रप्रमुखों को पीछे छोड़ दिया। मार्निंग कंसल्ट के इस सर्वे में पीएम मोदी की अप्रूवल रेटिंग सबसे अधिक 70 फीसद है। सर्वे में दूसरे नंबर पर मेक्सिको के राष्ट्रपति लोपेज ओबराडोर (64 फीसद) और तीसरे नंबर पर इटली के पीएम द्रागी (63 फीसद) है। जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल (52 फीसद) चौथे व सुपरपावर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (48 फीसद) पांचवे स्थान पर हैं।
ऐसे बनती है अप्रूवल-डिसअप्रूवल रेटिंगद मार्निंग कंसल्ट अप्रूवल और डिसअप्रूवल रेटिंग 7 दिनों के मूविंग एवरेज के आधार पर निकालती है। इस गणना में 1 से 3 फीसद त तक का प्लस-माइनस मार्जिन होता है। यानी अप्रूवल और डिसअप्रूवल रेटिंग में 1 से 3 प्रतिशत तक की कमी या वृद्धि हो सकती है। इस आंकड़े को तैयार करने के लिए मार्निंग कंसल्ट ने भारत में करीब 2126 लोगों का आनलाइन इंटरव्यू किया था। पीएम मोदी की अप्रूवल रेटिंग मई 2020 में सबसे ज्यादा 84 फीसद पर थी, तब भारत कोरोना महामारी से बाहर निकल रहा था। इसी साल जून में जारी हुई अप्रूवल रेटिंग की तुलना में इस बार पीएम मोदी की अप्रूवल रेटिंग बेहतर हुई है। जून में पीएम मोदी की अप्रूवल रेटिंग 66 फीसद थी। मोदी की डिसअप्रूवल रेटिंग में गिरावट भी आई है। करीब 25 फीसद की गिरावट के साथ अब यह लिस्ट में सबसे निचले स्थान पर है।