China-Taiwan Tension: ताइवान सीमा के निकट बढ़ी चीनी गतिविधियां, 20 सैन्य विमानों और 3 जहाजों को किया गया ट्रैक
ताइवान ने चीन से तनातनी के बीच सीमा के आसपास कई चीनी विमानों और जहाजों को ट्रैक करने का दावा किया है। ताइवान ने अपने वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) के आसपास 20 चीनी सैन्य विमानों और 3 नौसैनिक जहाजों को देखा है।
By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Mon, 24 Oct 2022 05:56 PM (IST)
ताइपे, एएनआइ। ताइवान ने चीन से तनातनी के बीच सीमा के आसपास कई विमानों और जहाजों को ट्रैक करने का दावा किया है। ताइवान ने अपने वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) के आसपास 20 चीनी सैन्य विमानों और 3 नौसैनिक जहाजों को देखा है। ताइवान समाचार की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्रालय (MND) ने गुरुवार शाम 5 बजे तक ताइवान के आसपास 20 चीनी सैन्य विमानों और तीन नौसैनिक जहाजों को ट्रैक किया।
चीनी गतिविधि के बाद ताइवान ने भेजे गश्ती विमान
ताइवान ने चीन के इस कदम के जवाब में, लड़ाकू गश्ती विमान और नौसैनिक जहाजों को भेजा। साथ ही ताइवान ने रेडियो पर चेतावनी जारी की। चीन के किसी भी हरकत से निपटने के लिए ताइवान ने पीएलए विमान और जहाजों की निगरानी के लिए लैंड बेस्ड मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
ताइवान के निकट चीनी विमानों को को किया गया ट्रैक
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 20 पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) विमानों में से एक शानक्सी वाई-8 पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान और शानक्सी वाई-8 टोही विमान की निगरानी ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) के दक्षिण-पश्चिम कोने में की गई। हालांकि, गुरुवार को PLA का कोई भी विमान ताइवान स्ट्रेट मेडियन की मध्य रेखा को पार नहीं किया।चीन ने कई बार भेजे सैन्य विमान
बीजिंग ने अब तक अक्टूबर में ताइवान के आसपास 266 चीनी सैन्य विमान और 71 नौसैनिक जहाज भेजे हैं। इस वजह से ताइवान के आसपास कई बार चीनी गतिविधियों को ट्रैक किया गया है। सितंबर 2020 से, चीन ने ताइवान के ADIZ में नियमित रूप से विमान भेजकर ग्रे ज़ोन रणनीति का उपयोग बढ़ा दिया है। ग्रे ज़ोन रणनीति का मतलब सैन्य बल के प्रत्यक्ष और बड़े उपयोग के बिना किसी के सुरक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करना है।
बता दें कि अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद, चीन और ताइवान के बीच तनाव बढ़ गया है। इसके अलावा, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बयानों से दोनों देशों के बीच तनाव खत्म होने की उम्मीद नहीं दिख रही है।