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बांग्लादेश में हिंसक झड़प, अब ढाका में भिड़े छात्र और अंसार के सदस्य; दोनों पक्षों के कई लोग घायल

Bangladesh Latest News बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक बार फिर हिंसक झड़प हुई है। इस बार ढाका विश्वविद्यालय के छात्र और आंसर के सदस्यों के बीच संघर्ष का मामला सामने आया है। खबरों के मुताबिक दोनों पक्षों के कई लोगों के जख्मी होने की खबर है। घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव का माहौल है। पुलिस ने भी मोर्चा संभाल लिया है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 26 Aug 2024 01:54 AM (IST)
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बांग्लादेश में हुई हिंसक झड़प। (फाइल फोटो)
एएनआई, ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में रविवार रात को छात्रों और अंसार सदस्यों के बीच हिंसक झड़प हुई। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक झड़प में दोनों पक्षों के कई लोग घायल हुए हैं। घटना सचिवालय के पास की है। रात नौ बजे दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर हमला कर दिया। हालांकि पुलिस ने हस्तक्षेप कर शांति बहाल की।

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क्यों हुई हिंसक झड़प?

ढाका विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्रावासों के छात्रों ने सचिवालय तक मार्च किया। इसके बाद राजू मेमोरियल स्कल्पचर पर जुटे। कुछ ही समय में छात्रों को सूचना मिली कि अंसार सदस्यों ने अंतरिम सरकार में सलाहकार और भेदभाव विरोधी छात्रों के आंदोलन के समन्वयक नाहिद इस्लाम को सचिवालय में समन्वयक सरजिस आलम, हसनत अब्दुल्ला और अन्य के साथ हिरासत में ले लिया। इसके बाद ही हिंसक झड़प हो गई।

अंसार ने की सचिवालय की नाकेबंदी

हसनत अब्दुल्ला ने फेसबुक पोस्ट में अंसार के पूर्व महानिदेशक मेजर जनरल एकेएम अमीनुल हक को सचिवालय की नाकेबंदी के लिए जिम्मेदार ठहराया। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार हसनत ने सभी से ढाका विश्वविद्यालय में राजू मेमोरियल मूर्तिकला के सामने इकट्ठा होने का आग्रह किया। बता दें कि एकेएम अमीनुल हक पूर्व जल संसाधन उप मंत्री एकेएम इनामुल हक शमीम के बड़े भाई हैं।

दो दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे आंसर के सदस्य

हसनत अब्दुल्ला ने अपने फेसबुक पर लिखा कि सभी लोग राजू के पास आएं। तानाशाह ताकतें अंसार बल के जरिए वापसी की कोशिश कर रही हैं। उनकी मांगें पूरी होने के बाद भी हमें सचिवालय में बंद रखा गया। इससे पहले दिन में अंसार के सदस्यों ने अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम चौधरी से आश्वासन मिलने के बाद अपना विरोध समाप्त कर दिया था। सदस्य अपनी नौकरियों के राष्ट्रीयकरण की मांग को लेकर दो दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे।

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