चीन को घेरने के लिए आसियान के साथ बढ़ेगा सहयोग, जयशंकर ने मंत्री स्तर की बैठक में की व्यापक चर्चा
भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने इंडोनेशिया के समकक्ष रत्नो मारसुदी के साथ भी वार्ता की। बातचीत में व्यापार और सहयोग के नए क्षेत्रों की खोज पर वार्ता हुई। जिन क्षेत्रों में सहयोग जारी है उसे और बढ़ाने पर वार्ता हुई।
जकार्ता, पीटीआई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान के साथ सहयोग बढ़ाने के मुद्दों पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने आर्थिक, तकनीक, खाद्य सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा के मसलों पर बात की और पूर्व में हुए समझौतों की प्रगति की समीक्षा की। विदित हो कि हिंद-प्रशांत महासागरीय क्षेत्र के इन देशों में से कई के साथ चीन की तनातनी चलती रहती है। लेकिन छोटे देश होने की वजह से चीन उन पर दबाव बनाए रहता है।
जयशंकर ने सिंगापुर के भारतीय मूल के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन के साथ रणनीतिक सहयोग और कई अन्य मसलों पर चर्चा की। इसी प्रकार से ब्रूनेई के समकक्ष दातो एरिवान पेहिन यूसफ से भी जयशंकर ने मिलकर आपसी संबंधों पर चर्चा की।
रत्नो मारसुदी से भी मिले जयशंकर
भारतीय विदेश मंत्री ने इंडोनेशिया के समकक्ष रत्नो मारसुदी के साथ भी वार्ता की। बातचीत में व्यापार और सहयोग के नए क्षेत्रों की खोज पर वार्ता हुई। जिन क्षेत्रों में सहयोग जारी है उसे और बढ़ाने पर वार्ता हुई। भारत ने आसियान के अंतर्गत आने वाले देशों- ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम के साथ संबंधों के चहुंमुखी विकास पर जोर दिया है।
लावरोव से यूक्रेन युद्ध पर चर्चा
इंडोनेशिया में विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की और द्विपक्षीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान आर्थिक मसलों और यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा हुई। दोनों नेताओं की यह मुलाकात आसियान-भारत की मंत्री स्तर की वार्ता से इतर हुई है।
जयशंकर और लावरोव महीने भर के भीतर दूसरी बार मिले हैं। ताजा मुलाकात में जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री से यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत के रुख से अवगत कराया। कहा कि मतभेदों को बातचीत और कूटनीति के जरिये सुलझाना चाहिए। इसके लिए पहले शांति स्थापित होनी चाहिए।
ब्रिटेन से भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा की अपेक्षा
जयशंकर ने ब्रिटिश विदेश मंत्री जेम्स क्लीवर्ली से भी मुलाकात कर द्विपक्षीय मसलों पर वार्ता की। इस दौरान ब्रिटेन में स्थित भारतीय उच्चायोग और राजनयिकों की सुरक्षा पर भी बात हुई।
बीती 19 मार्च को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर लगे तिरंगे को खालिस्तान समर्थक आंदोलनकारियों ने हटा दिया था और तोड़फोड़ की थी। जयशंकर ने घटना के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और उच्चायोग व राजनयिकों की पर्याप्त सुरक्षा की अपने ब्रिटिश समकक्ष से अपेक्षा की है।