COP27 : विदेश मंत्री जयशंकर से मिस्र के राष्ट्रपति ने कहा- 574 अरब रु. का कारोबार काफी नहीं, इसे और बढ़ाया जाए
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सीसी के साथ COP27 में कई मुद्दों पर चर्चा की।इस मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर नेCOP 27की सफलता के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।इसके अलावा दोनों देशों के बीच कारोबार बढ़ाने को लेकर भी बातचीत भी हुई।
By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Mon, 17 Oct 2022 08:34 AM (IST)
काहिरा, एजेंसी। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने रविवार को मिस्र यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी से भेंट की। प्रधानमंत्री की शुभकामनाओं के साथ उन्होंने कहा कि अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत मिस्र की जी20 में भागीदारी को महत्व देता है। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सीसी ने भारत से व्यापार के कारोबार को बढ़ाने का आग्रह किया है।
भारत-मिस्र व्यापार मंच को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने कहा, 'मुझे राष्ट्रपति से मिलने का सम्मान मिला। हमारे दो सहयोगियों ने व्यापार कारोबार का जिक्र किया है। राष्ट्रपति सीसी ने मुझे बताया कि उन्हें नहीं लगता कि यह पर्याप्त है। इसलिए उन्होंने हमसे यह कहते हुए आग्रह किया कि इसे बढ़ाने के तरीके खोजें।'
मिस्र के दो दिवसीय दौरे पर आए जयशंकर ने अपनी मुलाकात की जानकारी देते हुए ट्वीट किया, 'मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी से मुलाकात कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं और एक व्यक्तिगत संदेश दिया।'
जयशंकर ने आगे कहा कि व्यापार में विस्तार करने का एक तरीका बाधाओं पर ध्यान केंद्रित करना है। विदेश मंत्री ने भारत-मिस्र संबंधों के विभिन्न आयामों को और विकसित करने में राष्ट्रपति सीसी के मार्गदर्शन की सराहना की। मंत्री जयशंकर ने राष्ट्रपति को वित्त मंत्री समेह शौकरी के साथ अपनी चर्चा के बारे में जानकारी दी।
COP 27 की सफलता के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर डाला प्रकाश
जयशंकर ने सीओपी 27 की सफलता के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला। विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान जी20 में मिस्र की भागीदारी को महत्व देता है। भारत मिस्र की अध्यक्षता में सीओपी27 की सफलता के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।जयशंकर ने शनिवार को कहा कि वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) जैसे प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों में मिस्र के साथ सहयोग करने के बारे में केंद्रीय शिक्षा, कौशल और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से बात करेंगे।
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