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कुछ तानाशाहों के सनक की दास्तान: कोई रखता था फ्रिज में सिर कटी लाश, तो कोई घोड़ों को पिलाता था शराब

हॉलीवुड फिल्म डिक्टेटर जैसी जिंदगी थी तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति सपरमुरात नियाजोव की। वो खुद को बिल्कुल वैसे ही पेश करते थे जैसे फिल्म डिक्टेटर में अलादीन खुद को करता था। अजीब शौक पालने वाले नियाजोव ने अपना नाम बदलकर तुर्कमैन बाशी रख लिया था।

By Nidhi AvinashEdited By: Updated: Mon, 17 Oct 2022 01:58 PM (IST)
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कुछ तानाशाहों के सनक की दास्तान: कोई रखता था फ्रिज में सिर कटी लाश
नई दिल्ली। आनलाइन डेस्क। साचा बैरान कोहने (Sacha Noam Baron Cohen) की कॉमेडी हॉलीवुड फिल्म द डिक्टेटर (The Dictator) शायद आप सभी ने देखी होगी। ये फिल्म एक काल्पनिक तानाशाह पर आधारित है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक तानाशाह की जिंदगी कैसी होती है और वह क्यों अजीबो-गरीब शौक पालते है।

अगर आपने ये फिल्म देखी होगी तो आप भी अपने आप से सवाल करते होंगे की असल जिंदगी में कोई भी डिक्टेटर ऐसी अजीबों-गरीब हरकतें तो नहीं करता होगा। लेकिन आप बिल्कुल गलत है, क्योंकि रील लाइफ वाला ऐसा डिक्टेटर असल जिंदगी में भी इस दुनिया में मौजूद है। वैसे तो तानाशाहों के नामों की लिस्ट बहुत लंबी है लेकिन आज हम आपको ऐसे 5 डिक्टेटर (cruel dictator) की अजीबों-गरीब हरकतों के बारे में बताने जा रहे है जिसको जानकर आप भी अपना माथा पकड़ कर बैठ जाएंगे।

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कैलिग्यूला (Caligula)

क्या आपने कभी घोड़ों को सोने के मर्तबान में शराब पिलाने के बारे में सुना है? नहीं, तो हम आपको बताते है। रेस के घोड़े का शौक पालने वाले रोमन सम्राट कैलिग्यूला का नाम तानाशाहों की लिस्ट में सबसे पहले नंबर पर आता है। अपने शौक के लिए इन्होंने घोड़ों के लिए एक अलग घर बनवाया था।

यहीं नही, घोड़ों की अच्छी से सेवा हो सके, इसके लिए उन्होंने सैनिक भी तैनात किए हुए थे। अपने घोड़ो को सोने के मर्तबान में शराब पिलाने का उन्हें शौक था। उनकी हरकतें इतनी अजीब थी कि एक दिन उन्होंने आदेश सुना डाला कि, सभी नौकाओं को नेप्लस की खाड़ी पर कतार से लगाया जाए ताकि वो उन पर चल कर एक शहर से दूसरे शहर जा सकें।

फ्रांसवा डूवलियर (François Duvalier)

अंधविश्वास का नाम सुनकर एक ऐसे राष्ट्रपति का नाम दिमाग में आता है जो दावा करते थे कि उनके अंदर हर महीने की 22 तारीख को आत्माओं की ताकत आ जाती थी। हम बात कर रहें है हैती के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसवा डूवलियर की। फ्रांसवा डूवलियर ने 14 साल शासन पर राज किया। वो काफी हद तक अंधविश्वासी भी थे। उनका मानना था कि हर महीने 22 तारीख को उनमें आत्माओं की ताकत आ जाती है।

यहीं नहीं, वो हर महीने की 22 तारीख को ही अपने आवास से बाहर निकलते थे। उन्होंने दावा किया था कि 22 नवंबर 1963 को उन्हीं की आत्माओं की शक्तियों के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति जान एफ कैनेडी की हत्या हुई थी। 1971 में फ्रांसवा डूवलियर की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था।

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इदी अमीन (Idi Amin)

अपने आप से प्यार करना कोई गलत बात नहीं है लेकिन हद से ज्यादा कोई चीज ठीक भी नहीं होती। 70 के दशक के इदी अमीन युगांडा के शासक थे। अपने आप को सम्मानित करने का उन्हें बेहद शौक था और इसलिए उनके पास पदकों का अंबार लगा हुआ था। उन्होंने अपना जीवन खुल कर जिया। फील्ड मार्शल, विक्टोरिया क्रॉस और मिलिट्री क्रॉस से खुद को सम्मानित किया।

आत्म जुनून से भरपूर इदी अमीन तो अपने आपको क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय से खुद को बड़ा दिखाना चाहते थे। उनके मुताबिक, राष्ट्रमंडल का प्रमुख महरानी नही बल्कि उन्हें होना चाहिए था। इस तरह की खबरें भी आई कि वो अपने फ्रिज में राजनीतिक विरोधियों के कटे सिर रखते थे। हालांकि, ये कभी भी साबित नहीं हो सका। एक बार उन्होंने डीनर टेबल पर अपने ही सलाहकार से कह डाला था, " मैं तुम्हारा जिगर खाना चाहता हूं, मैं तुम्हारे बच्चों को भी खाना चाहता हूं"।

सपरमुरात नियाजोव (Saparmurat Niyazov)

हॉलीवुड फिल्म डिक्टेटर जैसी जिंदगी थी तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति सपरमुरात नियाजोव की। वो खुद को बिल्कुल वैसे ही पेश करते थे जैसे फिल्म डिक्टेटर में अलादीन खुद को करता था। अजीब शौक पालने वाले नियाजोव ने पहले अपना नाम बदलकर तुर्कमैन बाशी रख लिया फिर अपनी खुद की 15 मीटर ऊंची सोने की पर्त चढ़ी मूर्ति बनवा डाली थी जिसका मुंह सूरज की तरफ घूमता रहता था।

भंयकर गरीबी से जूझ रहे तुर्कमेनिस्तान में नियाजोव ने अपने शौक के चक्कर में पूरे देश में अपने नाम का पार्क और महल बनवा डाला था। शौक पालने के चक्कर में उन्होंने अपनी लिखी किताब की कापियां अंतरिक्ष तक पहुंचा दी थी ताकि अंतरिक्षवासियों को पता चले कि धरती पर सपरमुरात नियाजोव नाम का कोई महान शख्स भी रहता है।

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किम जोंग इल (Kim Jong-il)

किम जोंग उन को तो कौन नहीं जानता होगा। उनके सनकीपन के किस्से तो पूरी दुनिया में मशहूर हैं। उत्तर कोरिया की जनता पर अत्याचार करने वाले तानाशाह के पिता, किम जोंग इल अपने बेटे से भी ज्यादा क्रूर तानाशाह थे। उन्हें हालीवुड फिल्में देखने का बहुत शौक था। अपने शासल काल के दौरान उन्होंने उत्तर कोरिया के राजनायिकों को आदेश दे दिया था कि वो हालिवुड फिल्मों की कापी अपने पास रखें।

किम जोंग इल के पास 20 हजार से भी ज्यादा फिल्मों का कलेक्शन था। किम जोंग इल चाहते थे कि उत्तर कोरिया में भी फिल्मों का निर्माण हो और पूरी दुनिया में मशहूर हो जाए। लेकिन ऐसा हो नहीं सका। किम जोंग इल के शौक में उन्होंने 1978 में साउथ कोरिया के डायरेक्टर सिन सांग आउक और उनकी पत्नी चोई उन हुन को अगवा किया और उनसे उत्तर कोरिया में फिल्में बनवाई। लेकिन कोई भी फिल्म कामयाब नहीं हो सकी थी।