Move to Jagran APP

भूकंप से कब्रिस्तान बना मोरक्को का तिख्त गांव, कंबल में लिपटे 69 शवों को दफना रहे ग्रामीण; कई कहानियां खत्म

9 सितंबर को आए जोरदार भूकंप से मोरक्को शहर ( Morocco Earthquak) के साथ-साथ गांव भी प्रभावित हुए। ग्रामीण स्थान तिख्त में अब कुछ भी नहीं बचा। हर जगह टूटे हुए घर और कंबल से ढके शव नजर आ रहे है। यहां पहले कम से कम 100 परिवारों का घर था। अब यहां लकड़ियों चिनाई के टुकड़ों के साथ-साथ टूटी हुई प्लेटों और जूते मलबे में तब्दील हो गए है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Mon, 11 Sep 2023 11:19 AM (IST)
Hero Image
भूकंप से कब्रिस्तान बना मोरक्को का तिख्त गांव (Image: AP)
तिख्त, (मोरक्को), एजेंसी। Morocco Earthqauke: 25 वर्षीय उमर ऐत मबारेक जिसका कुछ ही हफ्तों में निकाह होने वाला था, वो अब अपनी मंगेतर के शव को दफनाते हुए देख रहा है। आंसुओं से भरी लाल आंखे बस यह कहती नजर आ रही है कि 'सबकुछ खत्म हो गया।'

9 सितंबर की रात मोरक्को में भूकंप से कुछ मिनट पहले उमर अपनी मंगेतर से फोन पर बात कर रहा था, उसी दौरान तेज झटके लगे और फोन पर उसे बर्तन के गिरने की आवाज आई और फिर फोन कट गया। उमर को कहीं न कहीं ये पता चल गया था कि उसकी मंगेतर मर चुकी है।

तिख्त गांव बना कब्रिस्तान

समाचार एजेंसी AFP के मुताबिक, बचावकर्ताओं ने मोरक्को को तिख्त गांव के मलबे से एक महिला का शव निकालने में कड़ी मशक्कत की। हालांकि, ये काम बेहद ही नाजुक था। बता दें कि उत्तरी अफ्रीकी देश मोरक्को में आया भूकंप छह दशकों के सबसे घातक भूकंप में से एक था। AFP से बात करते हुए उमर ने बताया कि उसके मंगेतर मीना ऐत बिही को कंबल में लपेटकर एक अस्थायी कब्रिस्तान में ले जाया गया, जहां पहले से ही 68 अन्य लोगों की लाशें पड़ी थी।

शव के पास से मिला फोन, जिससे हो रही थी बात

आप मुझेसे क्या कहलवाना चाहते हैं? मैं घायल हो गया हूं...एजेंसी से दुखी मन से बात करते हुए उमर ने बताया कि भूकंप आने के दौरान वह अपनी मंगेतर के साथ फोन पर बात कर रहा था। बचावकर्ताओं ने जब मीना के शव को मलबे से बाहर निकाला तो उसके पास से एक फोन भी मिला, जिसे उसके मंगेतर को सौंप दिया गया।

ये गांव मर चुका है.....

मोरक्को के तिख्त गांव में अब कुछ भी नहीं बचा है। यहां पहले कम से कम 100 परिवारों का घर था। अब यहां लकड़ियों, चिनाई के टुकड़ों के साथ-साथ टूटी हुई प्लेटों और जूतों के मलबे में तब्दील हो गया है। 33 वर्षीय मोहसिन अक्सुम ने एजेंसी से कहा, 'यहां जीवन समाप्त हो गया है, अब ये गांव मर चुका है।'

मिट्टी से तैयार किए गए थे घर

तिख्त गांव के घर ज्यादातर मिट्टी और लड़की से तैयार किए गए थे, जो भूकंप के तेज झटकों के बाद पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। 23 वर्षीय छात्र अब्देलरहमान एडजाल, जिसने आपदा में अपने परिवार के अधिकांश लोगों को खो दिया था, ने कहा, 'लोगों ने अपने घर बनाते समय विनाशकारी भूकंप के बारे में नहीं सोचा था।'

बेटे ने अपने पिता की मौत देखी...

उमर की तरह एक दर्द भरी कहानी उस बेटे ने भी AFP से साझा की, जिसने अपने पिता को खो दिया। दअसल, भूकंप से पहले बेटा टहलने के लिए बाहर गया था जब झटके शुरू हुए और उसने देखा कि लोग अपने ढहते घरों से बचने की कोशिश कर रहे हैं। उसने अपने पिता को भी अपने घर से बाहर निकलते देखा लेकिन, चोटें इतनी ज्यादा आई थी की उसने अपने बेटे की गोद में ही प्राण त्याग दिए। 

Image: AP