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नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही, अब तक 170 की मौत व 68 लापता; 56 जिलों में अलर्ट

नेपाल में भारी बारिश और भूस्खलन ने भीषण तबाही मचाई है। काठमांडू घाटी में बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान हुआ है। अब तक 170 लोगों की जान जा चुकी है और 68 लोग लापता हैं। राहत एवं बचाव कार्य जारी है। देश के 56 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sun, 29 Sep 2024 09:28 PM (IST)
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नेपाल में राहत एवं बचाव कार्य में जुटे कर्मी। (फोटो- रॉयटर्स)

एएनआई, काठमांडू। नेपाल में पिछले 24 घंटे में बाढ़ और भूस्खलन से 170 लोगों की जान जा चुकी है। 68 लोग लापता हैं और 100 से अधिक लोग घायल हैं। नेपाल आर्म्ड पुलिस फोर्स और पुलिस के मुताबिक रविवार सुबह तक कावरेपालन चौक में कुल 34 लोगों के शव मिले।

वहीं ललितपुर में 20, धाडिंग में 15, काठमांडू में 12, मकवानपुर में 7, सिंधुपालचौक में 4, दोलखा में 3 और पंचथर और भक्तपुर जिलों में 5-5 शव मिले हैं। धनकुटा और सोलुखुम्बु में दो-दो और रामछाप, महोत्तरी और सुनसारी जिलों में एक-एक शव मिले हैं।

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बारिश से काठमांडू घाटी में भारी नुकसान

नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने बताया कि भारी बारिश से काठमांडू घाटी में काफी नुकसान हुआ है। नेपाल सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है। उन्होंने कहा कि नुकसान की जानकारी जुटाई जा रही है।

56 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

शनिवार को नेपाल की राजधानी काठमांडू में 24 घंटे में 323 एमएम बारिश दर्ज की गई। यह पिछले 54 सालों में हुई सबसे अधिक बारिश है। राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रबंधन प्राधिकरण ने भी 77 में से 56 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। प्राधिकरण ने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी।

नेपाल में जून में आता है मानसून

प्राधिकरण का अनुमान है कि बाढ़ और बारिश से करीब चार लाख से अधिक लोग प्रभावित होंगे। बता दें कि नेपाल में मानसून 13 जून के आसपास आना शुरू होता है और सितंबर के अंत तक वापस लौट जाता है। मगर इस बार अक्टूबर तक बने रहने की उम्मीद है। नेपाल के मौसम कार्यालय के मुताबिक देश में शुक्रवार सुबह तक 1,586.3 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। पिछले साल 1,303 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।

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