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यूरोपीय संसद के सामने पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के दुरुपयोग के विरोध में प्रदर्शन, जबरन बाल विवाह का उठा मुद्दा

यूरोपीय पाकिस्तानी ईसाई कार्रवाई समिति ने यूरोपीय संसद के सामने प्रदर्शन कर पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के दुरुपयोग समेत दंडमुक्ति की संस्कृति भेदभाव धर्म के नाम पर हिंसा जबरन मतांतरण और ईसाई एवं हिंदू लड़कियों के जबरन बाल विवाह जैसे मुद्दे उठाए। धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन पर चिंता जताते हुए प्रदर्शनकारियों ने यूरोपीय संघ से पाकिस्तान पर मानवाधिकार दायित्वों का पालन करने का दबाव डालने की मांग की।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 12 Nov 2023 12:03 AM (IST)
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यूरोपीय संसद के सामने पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के दुरुपयोग के विरोध में प्रदर्शन। फाइल फोटो
एएनआई, ब्रसेल्स। यूरोपीय पाकिस्तानी ईसाई कार्रवाई समिति ने यूरोपीय संसद के सामने प्रदर्शन कर पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के दुरुपयोग समेत दंडमुक्ति की संस्कृति, भेदभाव, धर्म के नाम पर हिंसा, जबरन मतांतरण और ईसाई एवं हिंदू लड़कियों के जबरन बाल विवाह जैसे मुद्दे उठाए।

पाकिस्तान पर दवाब डालने की मांग

धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन पर चिंता जताते हुए प्रदर्शनकारियों ने यूरोपीय संघ से पाकिस्तान पर मानवाधिकार दायित्वों का पालन करने का दबाव डालने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और जरानवाला में ईसाई समुदाय पर हुए हमले के पीडि़तों को न्याय दिलाने और पाकिस्तानी कानूनी प्रणाली में सुधार का आह्वान किया।

पाकिस्तान करे सभी ईशनिंदा कानूनों में संशोधन

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सभी ईशनिंदा कानूनों में संशोधन करे, धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध हटाए और यह सुनिश्चित करने पर विचार करे कि ईशनिंदा के आरोपितों पर आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत मुकदमा नहीं चले प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पाकिस्तान को अल्पसंख्यक लड़कियों और महिलाओं के जबरन मतांतरण को अपराध घोषित करने वाला कानून बनाना चाहिए।

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पाकिस्तान में जबरन मतांतरण की निंदा

प्रदर्शन में शामिल स्वीडन से यूरोपीय संसद के सदस्य चार्ली वीमर्स ने पाकिस्तान में ईसाई लड़कियों के जबरन मतांतरण और बाल विवाह की निंदा की। उन्होंने अनवर केनेथ, शगुफ्ता किरण और ईशनिंदा कानून के तहत गलत तरीके से जेल में बंद अन्य लोगों को रिहा करने की मांग की। ईसाई अनवर को ईशनिंदा के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी। समिति ने उसे तुरंत रिहा करने की मांग की।

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