Blast in Afghanistan: अफगानिस्तान में नमाज पढ़ते शिया मुस्लिमों पर हमला, 80 लोगों की मौत; IS ने ली जिम्मेदारी
शुक्रवार को अफगानिस्तान प्रांत के कुंदूज शहर स्थित मस्जिद पर हुए हमले की जिम्मेदारी आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने ले ली है। यह हमला उस समय हुआ जब वह नमाजियों से पूरी तरह से भरी हुई थी। इसमें 80 लोगों की मौत हो गई।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Fri, 08 Oct 2021 11:14 PM (IST)
काबुल, एपी। अफगानिस्तान के कुंदूज शहर स्थित मस्जिद के भीतर हुए बम विस्फोट की जिम्मेदारी आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने ली है। इस हमले में 80 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। शुक्रवार को दोपहर के समय जब विस्फोट हुआ तब इलाके में रहने वाले शिया मुसलमान बड़ी संख्या में नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में आए हुए थे। तेज आवाज के साथ हुए विस्फोट के बाद मस्जिद धुएं से भर गई और चीख-पुकार मच गई। धुंआ छंटने पर जब आसपास के लोग मस्जिद के भीतर पहुंचे तो खून से रंगी धरती पर मानव अंग बिखरे पड़े थे, तमाम घायल मदद के लिए लोगों को पुकार रहे थे।
देर रात हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) की खोरसान शाखा ने ली है। अफगानिस्तान में जड़ जमा रहे आइएस के हमलों में तालिबान के सत्ता में काबिज होने के बाद खासी तेजी आई है। तालिबान शासन में पहला बड़ा हमला 26 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुआ था जिसमें 169 अफगान नागरिक और 13 अमेरिकी सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। रविवार को काबुल की ईदगाह मस्जिद के प्रवेश द्वार पर नमाज के वक्त विस्फोट हुआ था, उसमें पांच लोग मारे गए थे।
शुक्रवार के हमले में ज्यादा शिया हजारा आबादी वाला कुंदूज प्रांत निशाना बना। प्रांत की राजधानी कुंदूज शहर में स्थित मस्जिद पर उस समय हमला हुआ जब वह नमाजियों से पूरी तरह से भरी हुई थी। उसी समय भीड़ के बीच विस्फोट हुआ। इसीलिए आशंका है कि हमलावर आत्मघाती था जिसने ज्यादा नुकसान पहुंचाने की नीयत से नमाजियों के बीच पहुंचकर खुद को उड़ाया। विस्फोट से मस्जिद की इमारत को भी भारी नुकसान हुआ है। तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने बताया है कि आतंकी हमले में शिया मस्जिद को निशाना बनाया गया है। हमले में तमाम नमाजियों की मौत हुई है या फिर वे घायल हुए हैं। तालिबान का विशेष बल मौके पर पहुंच गया है और उसने इलाके को घेरकर जांच शुरू कर दी है।
अफगानिस्तान के हालात दिन पर दिन हो रहे खराबबता दें कि तालिबान की वापसी के बाद अफगानिस्तान में हालात और खराब हो गए हैं। हाल ही में पाकिस्तान में मौजूद संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की हाई कमिश्नर फिलिपो ग्रांडी ने कहा था कि अफगानिस्तान में मानवीय स्थितियां बहुत ही खराब हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तत्काल मदद के लिए आगे आना चाहिए। आलम यह है कि अफगानिस्तान की आर्थिक व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। लोग रोजी रोटी के संकट से जूझ रहे हैं।