सऊदी अरब के एक फैसले से पूरी हुई वर्षों पुरानी मुराद, अपनी कट्टरवादी छवि को बदल रहा देश
सऊदी अरब ने महिलाओं से जुड़ा एक बड़ा फैसला लेकर ये संकेत दिया है कि वो अपनी कट्टरवादी और रुढि़वादी छवि को बदलने को कमर कस चुका है। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आने के बाद से महिलाओं को कई हक हासिल हुए हैं।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 22 Jul 2021 12:40 PM (IST)
बगदाद (रायटर)। सऊदी अरब ने महिलाओं से जुड़े एक और फैसले को मंजूरी देकर बदलाव की बयार को आगे बढ़ाने का काम किया है। इस नए फैसले के तहत सऊदी अरब ने हर उम्र की महिलाओं को बिना मर्द के साथ हज करने की इजाजद दी है। अब तक महिलाएं केवल किसी मर्द के साथ ही हज कर सकती थीं। हालांकि सऊदी अरब की तरफ से ये शर्त जरूर रखी गई है कि हज पर जाने वाली महिलाएं एक ग्रुप में हों। इसका फायदा अब बुशरा समेत हजारों महिलाओं ने उठाया है।
महिलाओं को पुरुष अभिभावकों के बिना हज की मंजूरी देने को बदलते सऊदी अरब में एक मील का पत्थर बताया जा रहा है। इसको यहां पर समाजिक सुधारों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। इस फैसले पर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अंतिम मुहर लगी है। इस फैसले के बाद कई महिलाओं को अकेले हज करना नसीब हो सका है। आपको बता दें कि हज पर महिलाओं के साथ जाने वाले पुरुष अभिभावकों को महरम कहा जाता है।
सऊदी अरब के नए नियमों का फायदा उठाने वाली पाकिस्तान की बुशरा ने कहा कि उसका बचपन का सपना इस फैसले के बाद पूरा हो गया है। इस बार करीब 60 हजार महिलाओं को हज की इजाजत दी गई है। इस नाते बुशरा खुद को खुशनसीब मानती हैं। नए फैसले के बाद हज के लिए महिलाओं को ड्रा के जरिए चुना गया है। इस बार हज करने वाले कुल श्रद्धालुओं में से करीब 40 फीसद महिलाएं हैं।
गौरतलब है कि सऊदी अरब धीरे-धीरे बदलने की राह पर है। पिछले कुछ वर्षों में सऊदी अरब ने महिलाओं को कई तरह के हक दिए हैं। उनके हितों में लिए इन फैसलों को सऊदी अरब की कट्टर छवि बदलने से भी जोड़कर देखा जा रहा है। सऊदी अरब धीरे-धीरे अपनी अर्थव्यवस्था की निर्भरता तेल से हटाकर दूसरी तरफ ले जाने की कोशिश कर रहा है। इसकी शुरुआत क्राउन प्रिंस ने ही की है। उनके आने के बाद से महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार मिला, वोट डालने का अधिकार मिला, मैच देखने का अधिकार मिला और बिना पुरुष अभिभावक के विदेश जाने समेत कई अधिकार मिल चुके हैं।
इस ईद पर सऊदी अरब ने मक्का मस्जिद और पवित्र मदीना में महिला सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कर विश्व को ये संदेश देने की भी कोशिश की है वो न सिर्फ बदल रहा है बल्कि महिला सशिक्तकरण की तरफ भी कदम आगे बढ़ा चुका है। यहां पर ये भी बता दें कि कोरोना काल में बढ़ते मामलों के मद्देनजर सऊदी अरब ने हज पर जाने वालों की संख्या काफी कम कर दी है।
इतना ही नहीं जो यहां पर हज के लिए आए हैं उनको भी सख्ती के साथ कोविड-19 प्रोटोकॉल को मानने को कहा गया है। बुशरा कहती हैं कि सऊदी अरब के इस नए फैसले ने महिलाओं को आजादी का अहसास दिलाया है। उन्हें इस यात्रा के लिए अपने पति से भी पूरा साथ मिला है। हालांकि इस बार हज पर बच्चों को लाने की सख्त मनाही है। इस मौके का फायदा उठाने वाली केवल बुशरा ही नहीं है बल्कि कई और भी हैं।