आसियान भारत शिखर सम्मेलन के दौरान यूक्रेनी समकक्ष से मिले विदेश मंत्री एस जयशंकर, परमाणु खतरे पर चर्चा
ASEAN Summit 2022 विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आसियान-भारत शिखर सम्मेलन से इतर अपने यूक्रेनी समकक्ष दिमित्रो कुलेबा से मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच परमाणु खतरे और यूक्रेन-रूस युद्ध को खत्म करने के तरीकों पर चर्चा की गई।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sat, 12 Nov 2022 08:57 PM (IST)
नोम पेन्ह (कंबोडिया), पीटीआई। विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने शनिवार को 19वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन से इतर शनिवार को यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा (Ukrainian Foreign Minister Dmytro Kuleba) के साथ मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने हालिया घटनाक्रमों, परमाणु खतरों, अनाज आपूर्ति और यूक्रेन- रूस युद्ध को खत्म करने के तरीकों पर चर्चा की।
जयशंकर और कुलेबा ने किया ट्वीट
जयशंकर ने ट्वीट किया, 'यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा से मिलकर खुशी हुई। हमारी चर्चाओं में हालिया घटनाक्रमों, अनाज निर्यात की पहल और परमाणु चिंताएं शामिल थीं। 'यूक्रेन के विदेश दिमित्रो कुलेबा ने ट्वीट किया, 'मैंने जोर दिया कि रूस को हमलों को तुरंत रोकना चाहिए और शांति के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। हमने वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर भी जोर दिया।'
सात से आठ नवंबर तक रूस यात्रा पर थे जयशंकर
रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच कुलेबा से मुलाकात से पहले जयशंकर इससे पहले सात से आठ नवंबर तक रूस यात्रा पर भी गए थे। इस दौरान उन्होंने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव और उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ बातचीत की थी। जयशंकर ने मास्को में कहा था, 'हम स्पष्ट रूप से शांति, अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के समर्थन के पक्ष में हैं।'जब पीएम मोदी ने कहा, आज का युग युद्ध का नहीं है
समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन के दौरान पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि 'आज का युग युद्ध का नहीं है'। चार अक्टूबर को यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ फोन पर बातचीत में मोदी ने कहा कि विवाद का 'कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता' और भारत किसी भी शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है। भारत ने यह भी कहा है कि काला सागर के जरिये अनाज निर्यात की पहल के निलंबन से खाद्य सुरक्षा, विशेष रूप से दुनिया के दक्षिणी हिस्से में ईंधन और उर्वरक आपूर्ति चुनौतियों का सामना करने की आशंका है।
रूस ने सौदे में अपनी भागीदारी को किया निलंबित
रूस ने घोषणा की थी कि वह सौदे में अपनी भागीदारी को रोक रहा है। हालांकि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बाद में कहा कि मास्को इस सौदे में अपनी भागीदारी को निलंबित करेगा, लेकिन समाप्त नहीं करेगा। यह सौदा काला सागर के माध्यम से यूक्रेनी अनाज के निर्यात के लिए सुरक्षित मानवीय गलियारे का प्रविधान करता है, ताकि बढ़ती खाद्य कीमतों से निपटा जा सके।ये भी पढ़ें: ASEAN और भारत ने जारी किया संयुक्त वक्तव्य, कहा- पिछले 30 वर्षों में दोनों के बीच मजबूत हुए संबंध
कंबोडिया पहुंचे जगदीप धनखड़
जयशंकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ यात्रा पर हैं, जो यहां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। इस वर्ष दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान)-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ है और इसे आसियान-भारत मैत्री वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।