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Earthquake in Morocco: 'मैं अभी भी सदमे में हूं' चश्मदीद ने सुनाई भूकंप के खौफनाक मंजर की दर्दभरी कहानी

मैं अभी भी सदमें में हूं... मैं अपने दर्द को बयां नहीं कर सकती है... जीवन कभी भी एक जैसा नहीं रहेगा... मेरे आंसू नहीं सूख रहे हैं... यह दर्द भरी आवाज है मोरक्को में आठ सितंबर को आए भूकंप में जिंदा बचे लोगों की... इनमें से किसी ने अपनी बहन को खो दिया है तो किसी ने अपने माता-पिता और बेटों को... पढ़ें यह रिपोर्ट...

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Wed, 13 Sep 2023 06:14 AM (IST)
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Earthquake in Morocco: 'मैं अभी भी सदमे हूं' जिंदा बचे लोगों ने बताया भूकंप के समय कैसा था मंजर
रबात, एजेंसी। Earthquake in Morocco: मोरक्को में आए विनाशकारी भूकंप ने जान-माल को काफी नुकसान पहुंचाया। हजारों लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग बेघर हो गए। इमारतों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने मौत को मात दिया है। इन लोगों ने भूकंप आने के बाद हुए असहनीय दर्द को बयां किया है।

बिही के बेटे की भूकंप में मौत

अब्देल्ला ऐत बिही (Abdellah Aeet Bihi) भूकंप में जीवित बचने वालों में से एक है। उनका चार साल का बेटा मलबे के नीचे दब गया। सोमवार को उसका शव बरामद किया गया। हालांकि, वे अपनी पत्नी, 10 वर्षीय बेटी और सबसे बड़े बेटे (14) को मलबे से बाहर निकालने में कामयाब रहे।

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बड़े बेटे के पास पड़ा मिला शव

बिही तलत न्याकूब गांव (Talat Nyacoub village) के रहने वाले हैं। बिही ने रोते हुए कहा कि मेरे छोटे बेटे का शव 12 साल के बड़े बेटे के पास पड़ा हुआ है। एक पत्थर उसके ऊपर गिरा हुआ था।

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''मेरे आंसू नहीं सूख रहे हैं''

बिही दिव्यांग हैं। वे कृत्रिम अंग का इस्तेमाल करते थे, लेकिन भूकंप में उन्होंने इसे खो दिया। बिही ने कहा- मेरे आंसू नहीं सूख रहे हैं। मैं चाहता हूं कि ये रुक जाएं, लेकिन दर्द किसी भी चीज से ज्यादा मजबूत है।

बिही के माता-पिता की भूकंप में मौत

बता दें कि बिही के माता-पिता और उनके दो भाइयों की भी आठ सितंबर को मोरक्को में आए भूकंप में मौत हो गई थी। अब तक भूकंप में 2900 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।

''जीवन कभी भी एक जैसा नहीं रहेगा''

लतीफा ऐत बिजली भी भूकंप में जिंदा बची महिलाओं में से एक हैं। भूकंप में उनके घर की भी छत ढह गई थी।हालांकि, वे अपने तीन, सात और 10 साल के बच्चों और अपने सास-ससुर को बचाने में कामयाबी रही। बिजली ने कहा कि उनका पति भूकंप के समय दूसरे गांव में थे। वे भी बच गए हैं। भूकंप के दौरान सभी घर तबाह हो गए। उन्होंने कहा,

मेरी बहन, उसके पति और दो बच्चों की भूकंप में मौत हो गई। मैं उनके लिए कुछ नहीं कर सकी। मुझे इसका बहुत अफसोस है। मैं अब भी यह स्वीकार नहीं कर पा रही हूं कि वे लोग अब इस दुनिया में नहीं रहे। हमारे लिए जीवन कभी भी एक जैसा नहीं रहेगा।

नाकाफी साबित हो रही मदद

भूकंप ने जान-माल को काफी नुकसान पहुंचाया। कई देशों ने अपने राहत दल को पीड़ितों की मदद के लिए भेजा है, लेकिन वे नाकाफी साबित हो रहे हैं। इसलिए लोग खुद ही एक दूसरे की मदद कर रहे हैं और उन्हें दवा, भोजन, रजाई और गद्देमुहैया करा रहे हैं।

छह घंटे तक मलबे में दबी रहीं मालेक

तलत न्याकूब की रहने वाली रचिदा एत मालेक (Rachida Aeet Malek) करीब छह घंटे तक मलबे में दबी रहीं। उन्हें तीन पड़ोसियों ने मलबे से बाहर निकाला। मालेक कहती हैं,

जब भूकंप आया मैं अपने दो बच्चों, मां, और दो पहनों, जिसमें से एक प्रेग्नेंट हैं, के साथ ऊपर की मंजिल पर थी। केवल मेरा भतीजा नीचे था। मेरी बहन अस्पताल में भर्ती है। 

'मैं अभी भी सदमे में हूं'

मालेक ने कहा- मैं अभी भी सदमे हूं। मैं अपने दर्द को बयां नहीं कर सकती है। हम मौत के मुंह से वापस आए हैं। हालांकि, भतीजा मलबे के नीचे दबा हुआ है।

किंग मोहम्मद VI ने पीड़ितों से की मुलाकात

सरकारी मीडिया के मुताबिक, मोरक्को के किंग मोहम्मद VI मंगलवार को पीड़ितों से मिलने अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने रक्तदान किया और मराकेश विश्वविद्यालय अस्पताल का दौरा कर घायलों के बारे में जानकारी ली।