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Earthquake In Tajikistan: ताजिकिस्तान में लगे भूकंप के तेज झटके, रिक्टर पैमाने पर 5.1 रही तीव्रता

ताजिकिस्तान में मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि ताजिकिस्तान में आज शाम 4.01 बजे भूकंप के झटके लगे। उन्होंने बताया कि रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.1 मापी गई। File Photo

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 02 May 2023 04:31 PM (IST)
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ताजिकिस्तान में लगे भूकंप के तेज झटके।
दुशांबे, एएनआई। ताजिकिस्तान में मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि ताजिकिस्तान में आज शाम 4.01 बजे भूकंप के झटके लगे। उन्होंने बताया कि रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.1 मापी गई। भूकंप से अभी तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है।

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी की बाह्य परत में अचानक हलचल से उत्पन्न ऊर्जा के परिणाम स्वरूप भूकंप आता है। यह ऊर्जा पृथ्वी की सतह पर, भूकंपी तरंगें उत्पन्न करती है, जो भूमि को हिलाकर या विस्थापित कर के प्रकट होती है।

भूकंप के कारण

भूकंप प्राकृतिक घटना या मानवजनित कारणों से हो सकता है। अक्सर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं। भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यत: गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन, और नाभिकीय परिक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं।

कैसे मापा जाता है भूकंप?

भूकंप का रिकार्ड एक सीस्मोमीटर के साथ रखा जाता है, जो सीस्मोग्राफ भी कहलाता है। भूकंप का क्षण परिमाण पारंपरिक रूप से मापा जाता है या संबंधित और अप्रचलित रिक्टर परिमाण लिया जाता है। 3 या कम परिमाण की रिक्टर तीव्रता का भूकंप अक्सर इम्परसेप्टीबल होता है और 7 रिक्टर की तीव्रता का भूकंप बड़े क्षेत्रों में गंभीर क्षति का कारण होता है। झटकों की तीव्रता का मापन विकसित मरकैली पैमाने पर किया जाता है।

प्रभाव

भूकंप से जान, माल की हानि, मूलभूत आवश्यकताओं की कमी, रोग आदि होता है। इमारतों व बांध, पुल, नाभिकीय ऊर्जा केंद्र को नुकसान पहुंचता है। भूस्खलन व हिम स्खलन होता है जो पहाड़ी व पर्वतीय इलाकों में क्षति का कारण हो सकता है। विद्युत लाइन के टूट जाने से आग लग सकती है। समुद्र के भीतर भूकंप से सुनामी आ सकता है। भूकंप से क्षतिग्रस्त बांध के कारण बाढ़ आ सकती है।

ऐसे करें बचाव

-सुरक्षित स्थान पर भूकंपरोधी भवन का निर्माण कराएं।

-समय-समय पर आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण लें व पूर्वाभ्यास करें।

-आपदा की किट बनाएं जिसमें रेडियो, जरूरी कागज, मोबाइल, टार्च, माचिस, मोमबत्ती, चप्पल, कुछ रुपये व जरूरी दवाएं रखें।

-भूकंप आने पर परिवार के लोगों को बिजली व गैस बंद करने को कहें।

-भूकंप के दौरान टेबल, पलंग या मजबूत फर्नीचर के नीचे शरण लें।

-संतुलन बनाए रखने के लिए फर्नीचर को कस पकड़ लें।

-लिफ्ट का प्रयोग कतई न करें।

-खुले स्थान पर पेड़ व बिजली की लाइनों से दूर रहें।

-मकान ध्वस्त हो जाने के बाद उसमें न जाएं।

-कार के भीतर हैं तो उसी में रहें, बाहर न निकलें।