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बांग्लादेश में चुनाव प्रक्रिया ने पकड़ी रफ्तार, नजर भारत पर भी; जानिए इस समय कैसा है ढाका का माहौल

बांग्लादेश में अगला आम चुनाव सात जनवरी 2024 को कराया जाएगा जिस पर अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की भी खास नजर होगी। खास तौर पर जिस तरह से अमेरिकी सरकार ने चुनावी घोषणा से पहले बांग्लादेश की चुनावी प्रक्रिया को लेकर जो बयान दिये हैं उससे शेख हसीना सरकार की चुनौती बढ़ती दिख रही है। ऐसे में बांग्लादेश सरकार की नजर भारत पर है।

By Achyut KumarEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 19 Nov 2023 08:58 PM (IST)
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बांग्लादेश में चुनाव प्रक्रिया ने पकड़ी रफ्तार, इस दिन डाले जाएंगे वोट (फाइल फोटो)
जयप्रकाश रंजन, ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका के तोपखाना रोड पर स्थिति प्रेस क्लब के सामने सड़क के एक तरफ आवामी लीग की ओर से सस्ती कीमत पर आलू व प्याज का वितरण किया जा रहा है तो सड़क के दूसरी ओर विपक्षी पार्टी बीएनपी के एक धड़े की तरफ से रैली निकाली जा रही है। शहर के दूसरे हिस्सों में बांग्लादेश की इस्लामिक राजनीतिक पार्टी जमात की तरफ से पुलिस अस्पताल, एंबुलेंस और बसों को आग लगाने की घटनाएं आ रही हैं।

सात जनवरी 2024 को होगा आम चुनाव

कुल मिलाकर जब से यह घोषणा की गई है कि बांग्लादेश में अगला आम चुनाव सात जनवरी 2024 को कराया जाएगा, उसके बाद से राजनीतिक गतिविधियां परवान चढ़ने लगी हैं, लेकिन इस बार बांग्लादेश के चुनाव पर अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की भी खास नजर होगी।

खास तौर पर जिस तरह से अमेरिकी सरकार ने चुनावी घोषणा से पहले बांग्लादेश की चुनावी प्रक्रिया को लेकर जो बयान दिये हैं, उससे शेख हसीना सरकार की चुनौती बढ़ती दिख रही है। ऐसे में बांग्लादेश सरकार की नजर भारत पर है।

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अगले हफ्ते नई दिल्ली आएंगे बांग्लादेश के विदेश सचिव

बांग्लादेश के विदेश सचिव मसूद बिन मोमन इस हफ्ते गुरुवार को नई दिल्ली जा रहे हैं, जहां उनकी विदेश सचिव विनय क्वात्रा और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात होने वाली है। आधिकारिक तौर पर यह बताया गया है कि यह यात्रा सामान्य तौर पर दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच होने वाली बैठक को लेकर है, लेकिन माना जा रहा है कि इस दौरान हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच हुई टू प्लस टू बैठक में बांग्लादेश को लेकर हुई बातचीत पर चर्चा होगी।

अमेरिका चाहता था कि बांग्लादेश चुनाव से पहले विपक्षी दल बीएनपी के कुछ नेताओं पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया जाए। अमेरिकी सरकार की नजर में बांग्लादेश के आम चुनाव को और ज्यादा लोकतांत्रिक बनाने की आवश्यकता है।

'हम चाहते हैं कि चुनाव में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप न हो'

इस बारे में बांग्लादेश के विदेश राज्य मंत्री डॉ. शहरयार आलम दैनिक जागरण को बताते हैं कि हमने हमेशा से दूसरे देशों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति अपनाई हैं। हमें अपने मित्र देशों, पड़ोसी देशों या अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उम्मीद है कि वह भी हमारे मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। हमने इन देशों की राजधानियों को बता भी दिया है। इनका कहना है कि वह हस्तक्षेप नहीं करना चाहते, लेकिन चुनाव में कुछ बदलाव चाहते हैं।

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शहरयार आलम ने कहा कि हमने साफ किया है कि बांग्लादेश की मौजूदा सरकार आम जनता को लोकतांत्रिक अधिकार देने को प्रतिबद्ध है। अमेरिका के भी कुछ राजनयिकों ने बांग्लादेश को लेकर अनावश्यक टिप्पणी की थी। किसी दूसरी शक्ति या उपनिवेशिक शक्तियों को हमारे चुनाव से कोई मतलब नहीं होना चाहिए। हम चुनाव प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं।

आलम ने कहा कि हमें खुशी है कि भारत एक मित्र देश के तौर पर हस्तक्षेप नहीं करने की नीति पर कायम है। जहां तक भारत का सवाल है तो आधिकारिक तौर पर कई बार विदेश मंत्रालय कह चुका है कि वह बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करता। साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बांग्लादेश सरकार का साथ भारत लगातार दे रहा है।

भारत-अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता में उठा चुनाव का मुद्दा

जानकार बताते हैं कि 10 नवंबर, 2023 को नई दिल्ली में अमेरिका व भारत के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच हुई टू प्लस टू वार्ता में बांग्लादेश में चुनाव का मुद्दा उठा और भारत ने वही कहा जो पीएम हसीना की सरकार की स्थिति मजबूत करती है। भारत का मानना है कि जब हिंद प्रशांत क्षेत्र की स्थिति को लेकर अमेरिका व भारत एक साथ काम कर रहे हैं तब बांग्लादेश की मौजूदा सरकार की नीतियां ज्यादा सकारात्मक साबित हो सकती हैं।

भारत व अमेरिका की बैठक के बाद ही बांग्लादेश चुनाव आयोग ने चुनाव की तिथि की घोषणा की। बताया जा रहा है कि इस घोषणा के दिन ही ढाका में अमेरिका के राजदूत पीटर हस छुट्टी पर चले गये हैं।