फ्रांस में बेकाबू हुआ दंगा, EU की बैठक बीच में छोड़ पेरिस लौटे मैक्रों; सरकार ने दिए आपातस्थिति लगाने के संकेत
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों दंगे के बेकाबू हालात को देखते हुए ब्रसेल्स में हो रही यूरोपीय संघ की बैठक बीच में ही छोड़कर पेरिस लौट आए हैं। उन्होंने दो दिन में दूसरी बार मंत्रिमंडल की बैठक कर उत्पन्न स्थिति पर विचार किया है। मैक्रों ने देश में फिलहाल आपातस्थिति लागू करने से इनकार किया है लेकिन प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने सभी विकल्प खुले होने की बात कही है।
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 30 Jun 2023 08:27 PM (IST)
पेरिस, रायटर। 17 वर्षीय किशोर की पुलिस फायरिंग में मौत के बाद फ्रांस में बने दंगे के हालात चौथे दिन भी बेकाबू हैं। फ्रांस के ज्यादातर शहरों और कस्बों में तोड़फोड़, आगजनी और लूटपाट की घटनाएं जारी हैं। थानों और पुलिस वाहनों को खासतौर पर निशाना बनाया जा रहा है।
अबतक कितने पुलिसकर्मी हुए घायल?
हिंसा को रोकने के प्रयास में 249 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस ने उपद्रव की घटनाओं में शामिल 875 लोगों को गिरफ्तार किया है। देश में अभी आपातस्थिति की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सरकार ने सभी विकल्प खुले होने की बात कहकर इस कानूनी प्रविधान को लागू करने के संकेत दिए हैं।
मंगलवार को पेरिस के उपनगर नैंटेरे में कार चला रहे नाइजीरिया-मोरक्को मूल के किशोर नाहेल को पुलिस ने रोका था और कहासुनी के बाद गोली मार दी थी।
इस घटना के बाद वर्षों से नस्ली भेदभाव झेल रहे गरीब और मध्यवर्गीय लोगों में पुलिस के खिलाफ गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने तोड़फोड़ व आगजनी शुरू कर दी। धीरे-धीरे यह उपद्रव देश के ज्यादातर शहरों-कस्बों में फैल गया। पूरे देश में सरकारी और निजी भवनों में तोड़फोड़, आगजनी और लूटपाट की सैकड़ों घटनाएं हुई हैं। सरकारी बसों, कारों समेत सैकड़ों वाहनों को जला दिया गया है।
सैकड़ों दुकानें लूट ली गई हैं या उनमें आग लगा दी गई है। चार दिनों में इन घटनाओं में हजारों करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति के नुकसान की आशंका है।
बैठक छोड़कर वापस पेरिस लौटे मैक्रों
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों दंगे के बेकाबू हालात को देखते हुए ब्रसेल्स में हो रही यूरोपीय संघ की बैठक बीच में ही छोड़कर पेरिस लौट आए हैं। उन्होंने दो दिन में दूसरी बार मंत्रिमंडल की बैठक कर उत्पन्न स्थिति पर विचार किया है।
मैक्रों ने देश में फिलहाल आपातस्थिति लागू करने से इनकार किया है, लेकिन प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने सभी विकल्प खुले होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता राष्ट्रीय एकता कायम रखने और शांति व्यवस्था बनाने की है।