Energy Crunch In Europe:बिजली संकट के बीच यूरोप में छुट्टियों का मौसम,क्रिसमस पर जगमगाहट से ज्यादा फीकापन हावी
पूरा यूरोप बिजली संकट का सामना कर रहा है। क्रिसमस जैसे प्रमुख त्योहार पर भी बिजली संकट की मार साफ दिखाई दे रही है । जहां बिजली की वजह से लाइट की जगमगाहट रहती थी वहीं अब ऐसा माहौल हैं जहां हर ओर फीकापन नजर आ रहा है ।
By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Sat, 26 Nov 2022 03:32 PM (IST)
वेरोना, एजेंसी। यूरोप में बिजली संकट गहराता जा रहा है। ज्यों-ज्यों सर्दी का मौसम आ रहा है बिजली की खपत और ज्यादा बढ़ती है मगर यूरोप इन दिनों बिजली संकट से बुरी तरह जूझ रहा है। इसका असर अब क्रिसमस के त्योहार पर भी पड़ रहा है।
यूक्रेन में रूस के युद्ध के कारण ऊर्जा की कीमतें बढ़ गई हैं। ऑफिसों में ठंडक बढ़ती जा रही है। ऐतिहासिक इमारतों पर भी अंधेरा छा गया है।
विश्व के आठ अजूबों में एक पेरिस के एफिल टॉवर में भी समय से पहले लाइट बंद करने का निर्देश दिया जा चुका है। इसके अलावा शहर के कई ऐतिहासिक इमारतों की बिजली भी शाम के बाद बंद करने का आदेश दिया जा चुका है। बिजली की किल्लत से रेस्तरां चलाने वाले लोग भी काफी परेशान हैं।
क्रिसमस की रोशनी की अपनी परंपरा को छोड़ देना चाहिए
पर्यावरण हिमायत करने वाले एक समूह ने कहा कि ऊर्जा संकट के कारण जर्मनी को इस साल शहरों और निजी घरों में क्रिसमस की रोशनी की अपनी परंपरा को छोड़ देना चाहिए ।एनवायरनमेंटल एक्शन जर्मनी (DUH) के प्रबंध निदेशक जुएरगेन रेस्च ने सोमवार को स्थानीय मीडिया को बताया, 'इस सर्दी में, शहरों के साथ-साथ घरों और अपार्टमेंटों में क्रिसमस की रोशनी के बिना करना निश्चित रूप से एक बात होनी चाहिए ।'अकेले जर्मनी में निजी घरों में क्रिसमस की रोशनी में एक पूरे वर्ष में 400,000 निवासियों के एक शहर जितनी बिजली की खपत होती है।रेस्च ने कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध और परिणामी ऊर्जा की कमी के साथ-साथ जलवायु संरक्षण के कारणों को देखते हुए, "हमें एक पल के लिए रुकना चाहिए"।