Israel Hamas War: 'यूरोप में होगा इजरायल-हमास युद्ध का असर', EU के अध्यक्ष ने जारी की चेतावनी
यूरोपीय संघ (ईयू) के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने शुक्रवार को चेताया कि इजरायल-हमास युद्ध से यूरोप की ओर जाने वाले शरणार्थियों में संख्या वृद्धि हो सकती है। इससे आप्रवासी विरोधी ताकतों के भड़कने विभाजन गहराने और तनाव बढ़ने का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने कहा शरणार्थियों के कारण यूरोप में हमें बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
एपी, ब्रसेल्स। यूरोपीय संघ (ईयू) के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने शुक्रवार को चेताया कि इजरायल-हमास युद्ध से यूरोप की ओर जाने वाले शरणार्थियों में संख्या वृद्धि हो सकती है। इससे आप्रवासी विरोधी ताकतों के भड़कने, विभाजन गहराने और तनाव बढ़ने का खतरा बढ़ सकता है।
हमास इजरायल युद्ध का यूरोप में असर
उन्होंने कहा, शरणार्थियों के कारण यूरोप में हमें बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के भीतर कुछ राजनीतिक समूहों द्वारा इसका इस्तेमाल विवादों को बढ़ावा देने और यूरोपीय संघ को खंडित करने के लिए किया जा सकता है। यह कई यूरोपीय देशों में ध्रुवीकरण बढ़ा सकता है।
इधर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने हालात पर चिंता जताते हुए कहा है कि किसी भी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन होना चाहिए, आम लोगों को ढाल नहीं बनाया जाना चाहिए और बंधकों को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाजा में स्थिति खतरनाक निचले स्तर पर पहुंच गई है।
हमास इजरायल युद्ध में बड़े पैमाने पर नुकसान
बता दें कि इजरायल और हमास के बीच इस युद्ध में अभी तक इजरायल में 1,300 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं जिनमें 247 सैनिक हैं। जबकि गाजा पर इजरायली हमले में अब तक 1,800 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 6,388 लोग घायल हैं। वहीं, संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि गाजा में 4.23 लाख लोग बेघर हो चुके हैं।
बमबारी में 13 बंधकों की मौत का दावा
पिछले शनिवार को हमले के बाद हमास के लड़ाके लगभग 150 लोगों को अपने साथ बंधक बनाकर ले गए थे। हमास ने दावा किया कि इजरायली बमबारी में गुरुवार को 13 बंधक मारे गए, इनमें विदेशी भी शामिल हैं। हालांकि, सैन्य प्रवक्ता हगारी ने हमास के दावे का खंडन किया।
उन्होंने कहा, 'हमारे पास अपनी जानकारी है। हमास के झूठ पर विश्वास न करें।' इजरायल का कहना है कि गुरुवार को रातभर किए गए हवाई हमलों में हमास की सुरंगों, सैन्य परिसरों और हथियार भंडारों समेत 750 ठिकानों को निशाना बनाया गया।