फेसबुक बंद करने जा रहा अपना 'फेस रिकग्निशन सिस्टम', डिलीट करेगा डाटा
फेसबुक के नए वर्जन मेटा ने फेस रिकग्निशन सिस्टम बंद करने की बात कही। इसने कहा जिन लोगों ने इस विकल्प को चुना है वे अधिक समय तक फोटोज व वीडियोज के जरिए नहीं दिखेंगे। हम एक बिलियन से अधिक लोगों के फेशियल रिक्गनिशन टेंपलेट को हटा रहे हैं।
By Monika MinalEdited By: Updated: Wed, 03 Nov 2021 08:37 AM (IST)
मेनलो पार्क, एपी। फेसबुक (Facebook) ने कहा है कि वह चेहरा पहचानने की प्रणाली (Face Recognition System) को बंद करेगा और एक अरब से भी ज्यादा लोगों का फेसप्रिंट डिलीट कर देगा। फेसबुक ने यह कदम दुनियाभर में इस तकनीक को लेकर जताई जा रही चिंता के बाद उठाया है। इस तकनीक में फोटो और वीडियो के जरिये लोगों को आसानी से पहचान लिया जाता है।
फेसबुक की नई पैरेंट कंपनी 'मेटा (Meta)' के वाइस प्रेसिडेंट जेरोम पेसेंटी (Jerome Pesenti) ने मंगलवार को अपने ब्लाग पोस्ट में कहा, 'यह बदलाव टेक्नोलाजी के इतिहास में फेस रिकग्निशन की उपयोगिता को लेकर बड़ा और अहम बदलाव का प्रतिनिधित्व करेगा।'
पेसेंटी ने पोस्ट में कहा है कि फेसबुक के सक्रिय उपभोक्ताओं में से एक तिहाई से ज्यादा लोगों ने हमारी चेहरा पहचानने की सेटिंग को स्वीकार किया है और वे पहचान करने में सफल रहे हैं। इसे हटाने का मतलब होगा कि एक अरब से भी ज्यादा लोगों के चेहरा पहचानने के टेंपलेट को डिलीट किया जाएगा । उन्होंने कहा कि कंपनी लोगों की बढ़ रही चिंताओं के बीच प्रौद्योगिकी के सकारात्मक उपयोग को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। खासकर इसे देखते हुए कि नियामक को इस मुद्दे पर स्पष्ट कानून बनाना है।We’re shutting down the Face Recognition system on Facebook. People who’ve opted in will no longer be automatically recognized in photos and videos and we will delete more than a billion people’s individual facial recognition templates: Meta pic.twitter.com/PspAM1mMOP
— ANI (@ANI) November 2, 2021
फेसबुक का यह फैसला गुरुवार के उस एलान के बाद आया है, जिसमें कंपनी ने अपना नाम बदलने की बात कही थी। कंपनी ने कहा था कि वह अपना नाम बदलकर मेटा रख रही है। इसके साथ ही इसने कहा था कि वह इंटरनेट के सफर में कल्पनाशीलता को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करेगी। 2019 में कंपनी ने अपने ऐसे ही एक प्रैक्टिस को खत्म कर दिया था जिसके तहत फेस रिकग्निशन साफ्टवेयर के इस्तेमाल से टैग का आप्शन आता था। फेसबुक ने टैग सुझाव वाले इस फीचर मामले में इलिनोइस के खिलाफ एक मामला भी दर्ज कराया था।