कान का मैल बेचती है ये महिला, जितना ज्यादा होगा... उतना अधिक भुगतान; हैरान कर देगी एक दिन की कमाई
दुनिया भर में अजीबो-गरीब नौकरियों के बारे में आप ने जरूर सुना होगा। मगर आज बात करेंगे एक अजीब व्यवसाय की। इस व्यवसाय की सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है। दरअसल एक कंटेट क्रिएटर अपने कान को साफ करती है। इसके बाद मैल लगे बड्स को ऑनलाइन बेच देती है। खास बात यह है कि उसकी अच्छी खासी कमाई भी हो रही है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक महिला ने गजब का बिजनेस आइडिया निकाला है। कमाई से ज्यादा उसके बिजनेस आइडिया की चर्चा हो रही है। दुनिया में क्या कुछ नहीं बिक सकता है... इसकी मिसाल इस महिला ने कायम की है। दरअसल, यह महिला अपने कान का मैल बेचती है। खास बात यह है कि इसे खरीदने वालों की कमी भी नहीं है। लोग हाथों हाथ खरीद रहे हैं। जितना अधिक मैल... उतना अधिक पैसे का भुगतान भी कर रहे हैं। अब इस खबर की दुनिया भर में चर्चा है।
कान का मैल बेचने वाली महिला का नाम लतिशा जोन्स है। लातिशा सोशल मीडिया इन्फ़्लुएंसर और कंटेंट क्रिएटर हैं। हाल ही में लातिशा ने अपने साइड हसल के बारे में एक वीडियो में जानकारी दी। उसने बताया कि वह ऑनलाइन अपने कान के मैल को बेचती है। बड़ी संख्या में लोग इसे खरीद रहे हैं। उसे इस व्यवसाय से रोजाना नौ हजार रुपये तक की कमाई हो चुकी है। हालांकि कई लोग इससे हैरान भी हैं।
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक लतिशा कॉटन बड्स से अपने कान को साफ करती है। बाद में इन्हीं ईयर बड्स को कान के मैल के साथ बेचती है। यही उसका व्यवसाय है। तलिशा मैल से सने अपने बड्स को सीलबंद लिफाफे में ग्राहकों तक पहुंचाती है। रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ ग्राहक मैल की मात्रा के आधार पर भुगतान करते हैं। मतलब बड्स में जितना अधिक मैल होगा... भुगतान भी उतना अधिक होगा। कई लोग उनके इस अजीब व्यवसाय की आलोचना कर रहे हैं तो कई लोग इसकी तारीफ करने में जुटे हैं। वह खुद इस व्यवसाय को अपनाने की बात कह रहे हैं।
कुछ अजीबो गरीब नौकरियां भी जान लें
जापानी की मेट्रो में पैसेंजर पुशर की नौकरी मिलती है। दरअसल, जापान मेट्रो में भीड़ खूब होती है। इन पुशर का काम है कि यात्रियों को मेट्रो के अंदर पुश करना और दरवाजों को कुशलता से बंद करना। जापान के अलावा अमेरिका और चीन में पैसेंजर पुशर की नौकरी मिलती है।चीन में पांडा कीपर की नौकरी भी मिलती है। पांडा को खिलाने-पिलाने और सुलाने के बदले अच्छी रकम का भुगतान किया जाता है। शर्त यह है कि आपको पांडा का बच्चे की तरह ख्याल रखना होगा। दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों में रोने के बदले भुगतान किया जाता है। यह एक पेशे के तौर पर स्थापित है। आपको करना यह है कि किसी के निधन पर जाकर रोना होगा। दरअसल, शोक संतृप्त परिवार प्रोफेशनल रोने वालों को अंतिम यात्रा के मौके पर बुलाते हैं। इसके बदले में अच्छा खासा भुगतान भी किया जाता है।
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