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NATO Member: मंगलवार को NATO में शामिल होगा फिनलैंड, स्वीडन के भी जल्द शामिल होने की उम्‍मीद

फिनलैंड को नाटो में शामिल करने में तुर्किये और हंगरी आनाकानी कर रहे थे। तुर्की का आरोप था कि फिनलैंड आतंकवादियों को शरण देता है। नाटो में कोई भी नया देश तभी शामिल किया जाता है जब सभी सदस्य नए देश को शामिल करने के लिए सहमत हों।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Mon, 03 Apr 2023 08:24 PM (IST)
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फिनलैंड इससे भयभीत है कि यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूस उसे भी निशाना बना सकता है।

ब्रसेल्स, एपी। शीत युद्ध के दौरान अमेरिका और रूस दोनों से दूरी रखने वाला फिनलैंड अब अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन नाटो का सदस्य बनेगा। इससे नाटो सदस्यों की संख्या 31 तक पहुंच जाएगी। उम्मीद है कि फिनलैंड का पड़ोसी देश स्वीडन भी जल्द ही इसमें शामिल होगा।

ब्रसेल्स में नाटो विदेश मंत्रियों की बैठक की पूर्व संध्या पर संगठन के महासचिव और नॉर्वे के प्रधानमंत्री रह चुके जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने संवाददाताओं को बताया कि फिनलैंड नाटो के पूर्ण सदस्य के रूप में इसमें शामिल होगा। नाटो मुख्यालय में पहली बार फिनलैंड का झंडा फहराया जाएगा।

तुर्किये-हंगरी की आनाकानी से लटका था मामला

बता दें फिनलैंड को नाटो में शामिल करने में तुर्किये और हंगरी आनाकानी कर रहे थे। तुर्की का आरोप था कि फिनलैंड आतंकवादियों को शरण देता है। नाटो में कोई भी नया देश तभी शामिल किया जाता है, जब सभी सदस्य नए देश को शामिल करने के लिए सहमत हों। अब तुर्की-हंगरी समेत नाटो के सभी 30 सदस्यों ने दोनों देशों को इस संगठन में शामिल करने के लिए परिग्रहण प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। वहीं, तुर्किये ने दोनों देशों से उग्रवाद से निपटने की मांग की है। बता दें कि तुर्किये ने सबसे अंत में अपनी सहमति दी है।

फिनलैंड रूसी हमले की आशंका से भयभीत

फिनलैंड इससे भयभीत है कि यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूस उसे भी निशाना बना सकता है। नाटो की छत्रछाया में आने के लिए फिनलैंड और स्वीडन ने अपनी पारंपरिक सैन्य गुटनिरपेक्षता की नीति छोड़ दी है। ऐसा लगता है कि इस कदम को देश में जन समर्थन भी प्राप्त है क्योंकि देश के मतदाताओं ने पिछले सप्ताह हुए चुनाव में रूढ़िवादी दलों को बढ़त दी, जबकि वामपंथी प्रधानमंत्री सना मारिन हार गई हैं।

बता दें कि फिनलैंड को इस संगठन में शामिल किए जाने पर होने वाले कार्यक्रम में देश के राष्ट्रपति सौली निनिस्टो, रक्षा मंत्री एंट्टी कैकोनेन और विदेश मंत्री पेक्का हाविस्तो भाग लेंगे। फिनलैंड के विदेश मंत्री ने इस घटना को ऐतिहासिक क्षण बताया है।