विदेश मंत्री जयशंकर आसियान शिखर सम्मेलन के लिए लाओस पहुंचे, भारत के लिए क्यों अहम है यह बैठक?
केंद्रीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर गुरुवार को लाओस की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं। इस दौरान वह व्यापार और निवेश सहित विभिन्न क्षेत्रों में आसियान-भारत के बीच सहयोग की समीक्षा करेंगे। विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट कर यह जानकारी दी। लाओस (आधिकारिक नाम लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक) इस समय 10 सदस्यीय आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट नेशन्स) का अध्यक्ष है।
एएनआई, वियनतियाने (लाओस)। विदेश मंत्री एस जयशंकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए लाओस के वियनतियाने पहुंचे हैं। जयशंकर ने आसियान देशों के साथ भारत के जुड़ाव को आगे बढ़ाने के बारे में आशा व्यक्त की।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "आसियान बैठकों में भाग लेने के लिए वियनतियाने पहुंचे। एक्ट ईस्ट पॉलिसी के एक दशक पूरे होने पर आसियान के साथ भारत के संबंधों को और गहरा करने की उम्मीद है।"
तीन दिवसीय यात्रा पर वियनतियाने पहुंचे विदेश मंत्री
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने पहले एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि जयशंकर 25 से 27 जुलाई तक वियनतियाने, लाओ पीडीआर में रहेंगे, जहां वह आसियान ढांचे के तहत आसियान-भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) और आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ) के प्रारूप में विदेश मंत्रियों की बैठकों में भाग लेंगे।Arrived in Vientiane, Laos to take part in the ASEAN-mechanism meetings.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 25, 2024
Look forward to further deepen India's ties with ASEAN as we mark a decade of Act East Policy. pic.twitter.com/bE1haSqDF9
विदेश मंत्री जयशंकर लाओ पीडीआर के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री सलीमक्से कोमासिथ के निमंत्रण पर लाओ पीडीआर का दौरा कर रहे हैं। यह यात्रा आसियान- क्षेत्रीय मंच के ढांचे के साथ भारत की गहरी भागीदारी और भारत द्वारा दिए जाने वाले महत्व, आसियान एकता, आसियान केंद्रीयता, इंडो-पैसिफिक (एओआईपी) पर आसियान दृष्टिकोण और आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए हमारी मजबूत प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
विदेश मंत्री समकक्षों के साथ कर सकते हैं द्विपक्षीय बैठकें
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि इस वर्ष भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक दशक पूरा हो रहा है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने 2014 में 9वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में की थी। विदेश मंत्री द्वारा आसियान से संबंधित बैठकों के दौरान लाओ पीडीआर के वियनतियाने में अन्य देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है।आसियान दक्षिण पूर्व एशिया के 10 देशों का एक राजनीतिक और आर्थिक संघ है। जैसे-जैसे आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन) की ताकत बढ़ती जा रही है, भारत भी आर्थिक संघ के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार बना हुआ है। इस महीने की शुरुआत में लाओस की राजधानी वियनतियाने में एएनआई से बात करते हुए लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक (एलपीडीआर) के विदेश मंत्रालय में आसियान विभाग के महानिदेशक चटौलोंग बौआसिसावथ ने कहा कि भारत आसियान का एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
भारत और सिंगापुर के बीच रीयल-टाइम भुगतान लिंकेज प्रणाली की घोषणा के बाद भारत ने घोषणा की कि वह मलेशिया और अन्य आसियान देशों के साथ मिलकर इस क्षेत्र के और अधिक देशों के लिए इसे क्रियान्वित करने के लिए काम कर रहा है।