इजरायल में अदाणी समूह की हाइफा पोर्ट कंपनी के चेयरमैन बने रॉन मलका, भारत में रह चुके हैं राजदूत
भारत में इजराइल के पूर्व राजदूत रॉन मलका को हाइफा पोर्ट कंपनी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। रॉन ने एक ट्वीट में जानकारी दी है। रॉन मलका ने बताया कि उन्होंने एचपीसी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया है।
यरूशलेम, एजेंसी। भारत में इजराइल के पूर्व राजदूत रॉन मलका को हाइफा पोर्ट कंपनी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। रॉन ने एक ट्वीट में जानकारी दी है। रॉन मलका ने बताया कि उन्होंने एचपीसी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया है।
1.18 अरब अमेरिकी डॉलर में जीता था पोर्ट का टेंडर
अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) और इजराइल के गैडोट ग्रुप ने पिछले साल जुलाई में 1.18 अरब अमेरिकी डॉलर में पोर्ट का टेंडर जीता था। इजरायल के रणनीतिक रूप से अहम बंदरगाह हाइफा के निजीकरण के लिए यह टेंडर निकाला गया था।
रॉन मलका ने ट्वीट कर जताया आभार
रॉन ने रविवार को ट्वीट किया, “मैं आज अदाणी समूह की ओर से हाइफा पोर्ट कंपनी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि गैडोट और अदाणी ग्रुप का अनुभव और बंदरगाह कर्मचारियों का समर्पण हाइफा बंदरगाह को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।”
I'm honored and privileged to take office today as Executive Chairman of the Haifa Port Company, on behalf of @AdaniOnline. The experience and expertise of Adani and Gadot, combined with the dedication of the port workers, will take Haifa Port to new heights of prosperity 🇮🇳🤝🇮🇱 pic.twitter.com/PIVC2w576U
पर्यटक और शिपिंग के लिहाज से अच्छा है हाइफा पोर्ट
बता दें कि रॉन मलका ने 2018 से 2021 तक भारत में इजराइल के राजदूत के रूप में काम किया है। शिपिंग कंटेनरों के मामले में हाइफा इजराइल में दूसरा सबसे बड़ा और पर्यटक क्रूज जहाजों के आने-जाने के मामले में सबसे बड़ा बंदरगाह है।
इजरायल को अधिक भारतीय निवेश की उम्मीद
इस साल जनवरी में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अन्य शीर्ष इजराइली अधिकारियों की मौजूदगी में हुए एक समारोह में अदाणी समूह ने आधिकारिक तौर पर इजराइली बंदरगाह का काम अपने नियंत्रण में ले लिया। इजराइल को उम्मीद है कि अदाणी समूह के देश में आने के बाद से विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा और रक्षा के क्षेत्र में भारतीय निवेश को बढ़ावा मिलेगा।