जानिए- आखिर किस डर से फ्रांस ने अपने लोगों से तुरंत ईरान छोड़ने को कहा, दूतावास को क्या दिए निर्देश
ईरान में पिछले कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच फ्रांस ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताइ है। फ्रांस ने अपने नागरिकों को कहा है कि वो जल्द से जल्द ईरान को छोड़ दें और बाहर निकल जाएं।
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। फ्रांस ने अपने लोगों से तुरंत ईरान को छोड़ देने को कहा है। इसकी दो बड़ी वजह हैं। पहली वजह वहां पर हिजाब को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन हैं, जिसके लिए ईरान अमेरिका और पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहरा रहा है। दूसरी वजह ईरान में फ्रांस के लोगों को झूठे मामलों में फंसाकर उन्हें गिरफ्तार करने का डर है। दरअसल, ईरान में दो फ्रांसीसी नागरिकों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद फ्रांस सरकार ने ये एडवाइजरी जारी की है। जिन दो फ्रांसीसियों को ईरान में गिरफ्तार किया गया है उन्हें एक टीवी चैनल पर अपना अपराध कबूल करते हुए दिखाया गया है।
गिरफ्तारी की आशंका
फ्रांस ने कहा है कि उसके नागरिकों को ईरान में गिरफ्तार किए जाने की आशंका काफी है। इसलिए वो जितना जल्दी हों वहां से बाहर निकल जाएं। अपनी एडवाइजरी में फ्रांस ने कहा है कि उसके नागरिक भले ही वो दोहरी नागरिकता रखते हों, उन्हें ईरान में गिरफ्तार किए जाने का डर है। फ्रांस की तरफ से कहा गया है कि उसे ईरान में अपने नागरिकों के खिलाफ होने वाले ट्रायल पर विश्वास नहीं है। फ्रांस सरकार के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर ये एडवाइजरी जारी की गई है।
दूतावास को दिया गया आदेश
इसमें ईरान में स्थित अपने दूतावासों को आदेश दिया गया है कि वो अपने नागरिकों की हर संभव मदद करें और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करें। इसमें उन लोगों पर भी चिंता जताई गई है जो टूरिस्ट वीजा पर ईरान गए हैं। फ्रांस के जिन दो नागरिकों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है उनके नाम Cecile Kohle और Jacques Paris हैं। ईरान का कहना है कि ये दोनों 11 मई को ईरान आए थे। इस दंपत्ति पर आरोप है कि इन्होंने समाज को अस्थिर करने का काम किया है।
पश्चिमी देशों के 20 नागरिक जेल में बंद
इनके अलावा फ्रांस-ईरानी शोधकर्ताओं को दो वर्ष पहले से ईरान में हिरासत में लिया जा चुका है। इनका नाम Fariba Adelkhah और Benjamin Briere बताया गया है। ईरान की योजना इन्हें लबी सजा दिलवाने की है। इन दोनों को मई 2020 में गिरफ्तार किया गया था। इनके अलावा पश्चिमी देशों के करीब 20 नागरिक ईरान की विभिन्न जेलों में बंद हैं। राइट ग्रुप्स लगातार ईरान पर इन लोगों की झूठी गिरफ्तारी को लेकर आरोप लगाए हैं।