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France Elections: फ्रांस संसदीय चुनाव में त्रिशंकु संसद के आसार, एग्जिट पोल में वामपंथी गठबंधन को बढ़त

फ्रांस में संसदीय चुनाव के लिए रविवार को हुए दूसरे चरण के मतदान के बाद एग्जिट पोल (चुनाव बाद सर्वेक्षण) में दावा किया गया कि नया वामपंथी गठबंधन सबसे अधिक सीट जीत सकता है। इन सर्वेक्षण के मुताबिक राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की अगुवाई वाला गठबंधन दूसरे जबकि धुर-दक्षिणपंथी दल तीसरे स्थान पर रह सकते हैं। हालांकि चुनाव के अंतिम परिणाम सोमवार की सुबह तक आने की उम्मीद है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Mon, 08 Jul 2024 06:00 AM (IST)
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फ्रांस में संसदीय चुनाव में रविवार को मतदाताओं ने बड़ी संख्या में मतदान किया।

रॉयटर्स, पेरिस। फ्रांस त्रिशंकु संसद की ओर बढ़ता दिख रहा है। रविवार को हुए संसदीय चुनाव के बाद आए एक्जिट पोल में किसी भी गठबंधन को बहुमत मिलता नजर नहीं आ रहा है। वामपंथी गठबंधन अप्रत्याशित रूप से दक्षिणपंथी गठबंधन को पीछे छोड़ते हुए बढ़त हासिल करता दिख रहा है।

यह चुनाव दक्षिणपंथी मरीन ली पेन की नेशनल रैली के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि माना जा रहा था कि नेशनल रैली को जीत मिलेगी। हालांकि, पिछले चुनाव की तुलना में नेशनल रैली पार्टी की सीटें बढ़ी हैं। अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों के परिणाम सोमवार सुबह तक आ जाने की संभावना है।

जानें किसकी जीत की संभावना?

आधिकारिक परिणाम की घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन एक्जिट पोल के अनुसार वामपंथी गठबंधन को 577 में से 172 से 215 सीटें मिलने का अनुमान है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के गठबंधन को 150-180 सीटें मिल सकती हैं । मरीन ली पेन की नेशनल रैली पार्टी को जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन उसे सिर्फ 115 से 155 सीटें ही मिलती दिख रही हैं।

हार के लिए मैक्रों पर निशाना साधते हुए ली पेन कहा कि नेशनल रैली रणनीतिक मतदान के कारण हारी है। नेशनल रैली पार्टी के अध्यक्ष जार्डन बार्डेला ने मैक्रों पर 'अनिश्चितता और अस्थिरता' पैदा करने का आरोप लगाया। कहा कि फ्रांस को वामपंथियों के हाथों में डाल दिया गया है।

स्पष्ट बहुमत न मिलने पर संवाद का विकल्प

इस बीच, फ्रांस के वामपंथी नेता राफेल ग्लक्समैन ने रविवार को कहा कि ऐसी संसद जिसमें किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न हो, वहां संवाद के लिए खुलापन आवश्यक है। वामपंथी नेता जीन-ल्यूक मेलेंचन ने मैक्रों से वामपंथी न्यू पापुलर फ्रंट गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने का आग्रह किया है।

वहीं, मैक्रों के कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति कोई भी निर्णय लेने से पहले नई नेशनल असेंबली के गठन तक प्रतीक्षा करेंगे। मैक्रों और उनके सत्तारूढ़ गठबंधन को महंगाई, आव्रजन और सुरक्षा के मुद्दे पर मतदाताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ा है।

फ्रांस के संविधान के अनुसार, एक वर्ष तक नया संसदीय चुनाव नहीं हो सकता इसलिए अगर किसी गठबंधन को बहुमत नहीं मिलता तो एक साल तक अस्थिरता के हालात बने रहेंगे। एक्जिट पोल में संसद में अस्थिरता की संभावना के बाद यूरो में गिरावट आई।