France: फ्रांस में नियुक्त होते ही नए प्रधानमंत्री का क्यों होने लगा विरोध? देशभर में सड़कों पर उतरे लोग
France फ्रांस नें इन दिनों बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल मची है। घरेलू राजनीति में मुश्किलों का सामना कर रहे इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में लंबे इंतजार के बाद आखिरकार नए प्रधानमंत्री के नाम का एलान किया लेकिन नए पीएम की नियुक्ति होते ही उनके खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। देश के 130 शहरों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन हुए।
रॉयटर्स, पेरिस। फ्रांस में प्रधानमंत्री पद पर माइकल बर्नियर की नियुक्ति के बाद विरोध फूट पड़ा है। देश के 130 शहरों में बर्नियर की नियुक्ति के विरोध में प्रदर्शन हुए हैं। वामपंथी दलों ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर चुनाव की चोरी का आरोप लगाया है।
माना जा रहा है कि इस माहौल में दक्षिणपंथी बर्नियर को सरकार गठन में भारी मुश्किल होगी। मैक्रों ने 73 वर्षीय बर्नियर को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किया है। वह ब्रेक्जिट के मसले पर ब्रिटेन से बात करने के लिए यूरोपीय संघ के वार्ताकार रहे हैं।
मैक्रों पर चुनाव की चोरी का आरोप
त्रिशंकु संसद चुने जाने के बाद दो महीने की तलाश में गुरुवार को प्रधानमंत्री पद के लिए बर्नियर का नाम सामने आया। शुक्रवार को प्रधानमंत्री के रूप में अपने पहले साक्षात्कार में बर्नियर ने कहा कि सरकार में वह कंजरवेटिव और लेफ्ट पार्टियों के कुछ प्रतिनिधियों को शामिल करेंगे।बर्नियर के सामने सुधारों और 2025 के बजट को लेकर सबसे बड़ी चुनौतियां होंगी, क्योंकि फ्रांस पर इस समय घाटे को कम करने का भारी दबाव है। फ्रांस अनबोड पार्टी के नेतृत्व में बर्नियर की नियुक्ति का विरोध कर रहे वामपंथी दलों का कहना है कि राष्ट्रपति मैक्रों ने लोकतंत्र की अनदेखी की है और चुनाव की चोरी की है।
बर्नियर की पार्टी के 50 से भी कम सदस्य
उनका कहना है कि मैक्रों ने जुलाई के चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें पाने वाले न्यू पॉपुलर फ्रंट के उम्मीदवार को प्रधानमंत्री बनाने से इन्कार कर लोकतंत्र की अनदेखी की है। एक सर्वे में भी 74 प्रतिशत लोगों ने माना है कि राष्ट्रपति मैक्रों ने चुनाव परिणामों का सम्मान नहीं किया। प्रधानमंत्री बनाए गए बर्नियर की पार्टी लेस रिपब्लिकंस पार्टी के पास संसद में 50 से भी कम सदस्य हैं।प्रधानमंत्री के चयन पर उठे सवाल?
ऐसे में प्रधानमंत्री पद के लिए उनका चयन सवाल खड़े कर रहा है। साथ ही सरकार चलाने की उनकी क्षमता को लेकर भी शंकाएं हैं। लेकिन सरकार गठन को लेकर बर्नियर शनिवार को भी विचार-विमर्श में जुटे रहे, माना जा रहा है कि चंद रोज में ही मंत्रिमंडल का खाका वह पेश कर देंगे।