France में छिटपुट हिंसा लेकिन अब सामाजिक एकता की चिंता, ताजा घटनाओं में 16 लोग किए गए गिरफ्तार
बीते आठ दिनों से देश में जारी हिंसा में सरकारी और निजी संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है। इस दौरान हजारों वाहन फूंक दिए गए और सरकारी व निजी भवनों में तोड़फोड़ की गई या उन्हें जला दिया गया है। बड़ी संख्या में दुकानों और प्रतिष्ठानों को लूटा गया है। भीषण हिंसा के दायरे में फ्रांस के 220 से ज्यादा शहर और कस्बे आए हैं।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Wed, 05 Jul 2023 11:33 PM (IST)
पेरिस, रॉयटर। फ्रांस में हिंसा का दायरा धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है। मंगलवार-बुधवार की रात उपनगरीय इलाकों में हुई हिंसक घटनाओं में 16 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। देश में हिंसा की शुरुआत 27 जून को पुलिस फायरिंग में नाइजीरियाई मूल के 17 वर्षीय नाहेल के मारे जाने के बाद हुई थी। वह पुलिस की पूछताछ के दौरान अपनी कार लेकर भाग रहा था।
फ्रांस की छवि को हुआ भारी नुकसान
बीते आठ दिनों से देश में जारी हिंसा में सरकारी और निजी संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है। इस दौरान हजारों वाहन फूंक दिए गए और सरकारी व निजी भवनों में तोड़फोड़ की गई या उन्हें जला दिया गया है। बड़ी संख्या में दुकानों और प्रतिष्ठानों को लूटा गया है।
इन घटनाओं से फ्रांस की छवि को भी भारी नुकसान हुआ है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को इस दौरान यूरोपीय संघ की बैठक बीच में ही छोड़कर वापस देश लौटना पड़ा और जर्मनी का अपना राजकीय यात्रा कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा।
हिंसा की चपेट में आए 200 से ज्यादा शहर
27 देशों वाले यूरोपीय संघ के सबसे प्रभावशाली दो देशों के बीच निकटता बढ़ाने का यह मौका 23 वर्षों बाद आया था लेकिन वह परवान नहीं चढ़ सका। भीषण हिंसा के दायरे में फ्रांस के 220 से ज्यादा शहर और कस्बे आए हैं। इसमें देश का अल्पसंख्यक और गरीब तबका संलिप्त रहा। कस्बों और उपनगरीय इलाकों से सुलगी हिंसा की चिंगारी ने नजदीकी बड़े शहरों और संपन्न इलाकों को भी अपनी गिरफ्त में लिया।
नाहेल को गोली मारने वाले पुलिसकर्मी गिरफ्तार
फ्रांस में अब सामाजिक एकता लेकर बहस चल निकली है। राष्ट्रपति मैक्रों ने इस बाबत संसद में और प्रभावित इलाकों के नेताओं से चर्चा की है। समाज विज्ञानियों का मानना है कि वर्षों की घटनाओं से वर्ग भेद की यह खाई चौड़ी हुई है, इसे जल्द पाटना मुश्किल होगा।नाहेल को गोली मारने वाले पुलिसकर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया है, उस पर हत्या का मुकदमा चलेगा। लेकिन दक्षिणपंथी संगठन जीन मसीहा ने पुलिसकर्मी के परिवार को 16 लाख यूरो (14 करोड़ 33 लाख रुपये) का चंदा एकत्रित कर दे दिया है। वामपंथी संगठनों और नाहेल के परिवार की चेतावनी के बाद इस संगठन ने अपना कार्यक्रम रोक दिया है।