फ्रांस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन को सुरक्षित करने के लिए पश्चिम से की अपील, कहा- कीव कर रहा है यूरोप की रक्षा
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूसी हमले से निपटने के लिए यूक्रेन को वास्तविक और विश्वसनीय सुरक्षा गारंटी देने का पश्चिमी देशों से आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह पश्चिम के हित में है कि कीव को नाटो से सुरक्षा का आश्वासन मिले। Photo- AP
By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 01 Jun 2023 04:35 AM (IST)
पेरिस, एएनआई। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूसी हमले से निपटने के लिए यूक्रेन को वास्तविक और विश्वसनीय सुरक्षा गारंटी देने का पश्चिमी देशों से आह्वान किया। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने ब्रातिस्लावा में कहा कि यूक्रेन आज पूरे यूरोप की रक्षा कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह पश्चिम के हित में है कि कीव को नाटो से सुरक्षा का आश्वासन मिले।
यूक्रेन की सुरक्षा पर क्या बोले मैक्रों?
मैक्रों ने कहा, "इसीलिए मैं इसके पक्ष में हूं और यह आने वाले हफ्तों में सामूहिक बातचीत की जाएगी ताकि यूक्रेन को मजबूत और विश्वसनीय सुरक्षा गारंटी मिले।" उन्होंने कहा कि नाटो के विभिन्न सदस्य कुछ समय के लिए ये गारंटी प्रदान कर सकते हैं, क्योंकि यूक्रेन सैन्य गठबंधन में शामिल होने का इंतजार कर रहा है।
राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि रूसी सैनिकों के खिलाफ एक प्रभावी जवाबी कार्रवाई करने के लिए हमें आज यूक्रेन की हर तरह से मदद करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ''वर्तमान में हम यही कर रहे हैं। हमें अपने प्रयासों को तेज करना होगा, क्योंकि अगले कुछ महीनों में जो होगा वह स्थायी शांति के लिए भी एक अवसर प्रदान करता है।"
मैक्रों ने यूरोपीय संघ के देशों से यूरोपीय हथियार खरीदने और जवाबी हमला करने की मजबूत क्षमता हासिल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "यह हम यूरोपीय लोगों पर निर्भर है कि भविष्य में हमारे पास अपनी रक्षा करने की क्षमता है।"
यूरोपीय संघ के विस्तार पर मैक्रों ने की पैरवी
वहीं, फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने अधिक देशों को नाटो में शामिल करने के लिए यूरोपीय संघ के विस्तार का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पूर्वी यूरोप और बाल्कन देशों की सदस्यता आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए यूरोपीय संघ को नए नियम बनाना चाहिए।बता दें कि जॉर्जिया, मोल्दोवा और यूक्रेन उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने यूरोपीय संघ में शामिल होने के लिए आवेदन किया है। हालांकि, नियमों के कारण सदस्यता मिलने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।