G20 Summit in Bali: अपनी इन खूबियों के कारण दुनिया के लिए खास है जी-20, विरोधी भी करते हैं साझा मंच
G20 Summit in Bali ऐसे में सवाल उठता है कि जी-20 का यह मंच आखिर दुनिया के लिए क्यों उपयोगी है। इसकी क्या खासियत है। अपनी किन खूबियों के कारण यह संगठन चर्चा में रहता है। इस कड़ी में हम इन तमाम बिंदुओं पर रोशनी डालेंगे।
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Tue, 15 Nov 2022 02:33 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। G-20 summit in Bali: G-20 की बैठक पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी है। भारत के लिए जी-20 की यह बैठक काफी अहम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में शिरकत करने के लिए इंडोनेशिया के बाली में हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जी-20 का यह मंच आखिर दुनिया के लिए क्यों उपयोगी है। इसकी क्या खासियत है। अपनी किन खूबियों के कारण यह संगठन चर्चा में रहता है। इस कड़ी में हम इन तमाम बिंदुओं पर रोशनी डालेंगे। इस पर विशेषज्ञों की क्या राय है।
आखिर दुनिया में क्यों खास है जी-20 संगठन
1- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि विश्व पटल पर यह जी-20 का सम्मेलन इसलिए अहम है क्यों कि दुनिया की 60 फीसद आबादी इन मुल्कों से ही आती है। यह कहा जा सकता है कि दुनिया की शक्ति जी-20 देशों के पास ही है। प्रो पंत ने कहा कि दुनिया का यह पहला मंच है, जहां दुनिया के ताकतवर देश एक मंच साझा करते हैं। यह इस संगठन की सबसे बड़ी खूबी है। इसके अलावा दुनिया का यह पहला मंच है जहां विरोधी विचारधारा वाले देश भी एक साथ इस मंच को साझा करते है। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि जी-20 में एक तरफ रूस और चीन है तो दूसरी और अमेरिका और पश्चिमी मुल्क इस संगठन का हिस्सा है।
2- उन्होंने कहा कि जी-20 में विकसित और विकासशील दोनों मुल्क शामिल हैं। यानी इसमें दोनों तरह की अर्थव्यवस्था वाले देश हैं। इसलिए यह मंच विकसित और विकासशील देशों के बीच एक आर्थिक हितों के साधने के लिए सेतु का काम करता है। जी-20 विकासशील देशों को दुनिया के संपन्न देशों के साथ मिलकर काम करने एक अवसर और साझा मंच मुहैया करता है। भारत के पास यह मौका है कि वह विकासशील देशों की ज्वलंत समस्ओं को विश्वपटल पर रखे और विकसित देशों की अर्थव्यवस्था का लाभ उठा सके।
3- प्रो पंत ने कहा कि भारत इस समय दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाले देश में शामिल है। उन्होंने कहा कि जी-20 की भारत को अध्यक्षता मिलना बड़ी बात है। यह भारत को दुनिया के समक्ष अपनी सोच और सिद्धांतों को सामने रखने का एक बड़ा मौका मुहैया कराता है। प्रो पंत ने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में भारत को इन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ जुड़कर अपने राष्ट्रहित को साधने का एक बड़ा अवसर प्रदान करता है।
इतना ही नहीं भारत दुनिया के समक्ष विश्व की विविधता पूर्व वित्तीय अर्थव्यवस्था के बीच तालमेल के साथ पर्यावरण और ऊर्जा जैसे गंभीर और ज्वलंत मुद्दे को सुलझाने के लिए अपना दृष्टिकोण दे सकता है। इस लिहाज से यह भारत के लिए एक बड़ा मौका है। एक बड़ा अवसर है।
4- प्रो पंत ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन भारत के पास वैश्विक मुद्दों को अपनी सोच को दुनिया के समक्ष रखने का एक बड़ा मंच मुहैया कराता है। भारत के पास बहुत से ऐसे मुद्दे हैं जो इस मंच के जरिए दुनिया के समक्ष रख सकते हैं। उदाहरण के तौर पर पिछले वर्ष ग्लासगो में पीएम मोदी ने इंटरनेशनल सोलर एलायंस और लाइफस्टाइल फार इंविरानमेंट का मामला उठाया था। एक बार फिर भारत इस मामले को दुनिया के समक्ष उठा सकता है। भारत अगले वर्ष इस सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा और वह इसका एजेंडा तय करेगा।
5- जी-20 की यह परंपरा रही है कि पिछले वर्ष के अध्यक्ष और आने वाले अध्यक्ष देश जो हैं वह एक दूसरे के साथ निरंतर तालमेल बनाए रखते हैं। पिछले एक वर्ष से भारत निरंतर इंडोनेशिया के सपंर्क में है। जी-20 को किस ओर ले जाना है और अलग-अलग मुद्दों को लेकर कैसे इस पर सहमति बनानी है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह बेहतर अवसर है कि वह दूसरे मुल्क के नेताओं के साथ तालमेल बनाकर अगले वर्ष भारत आने का निमंत्रण देने का और अपनी बात को आगे रखने का एक बेहतर मंच बना सकता है।
5- जी-20 अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रमुख मंच है। इसके सदस्य देशों के पास दुनिया की जीडीपी का 85 फीसद हिस्सा है। इसमें दुनिया का 75 फीसद अंतरराष्ट्रीय व्यापार भी शामिल है। इन मुल्कों में दुनिया की दो तिहाई आबादी रहती है। इस समूह में अर्जेंटीना, कनाडा, रूस, फ्रांस, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन अमेरिका व यूरोपियन यूनियन शामिल हैं।
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