G-20 Summit: गाजा को मदद और यूक्रेन युद्ध खत्म करने पर G-20 का जोर, अरबपतियों पर ग्लोबल टैक्स लगाने की उठी मांग
G-20 Summit जी 20 सम्मेलन में सभी देशों का एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया गया। घोषणा पत्र में वैश्विक चुनौतियों से निपटने पर अधिक जोर दिया गया है। सभी देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार और विस्तार पर हामी भरी है। इसके अलावा दुनियाभर के अरबपतियों पर ग्लोबल टैक्स लगाने की मांग की गई है। हालांकि अर्जेंटीना इस पर सहमत नहीं है।
एपी, रियो डि जेनेरो। दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं ने एक संयुक्त घोषणा-पत्र में भुखमरी से लड़ने के लिए एक वैश्विक समझौते, युद्धग्रस्त गाजा के लिए अधिक सहायता और पश्चिम एशिया व यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने का आह्वान किया। इस घोषणापत्र में सामान्य बातें अधिक हैं, लेकिन लक्ष्यों को कैसे प्राप्त किया जाए इस बारे में अधिक विवरण नहीं है।
संयुक्त बयान को जी-20 देशों का बड़ी संख्या में समर्थन मिला, लेकिन पूरी तरह सर्वसम्मति नहीं मिली। इसमें अरबपतियों पर ग्लोबल टैक्स लगाने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों का भी आह्वान किया गया है।
सम्मेलन की शुरुआत में विशेषज्ञों ने संदेह जताया था कि अमेरिका के आगामी डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की अनिश्चितता और पश्चिम एशिया व यूक्रेन में युद्धों से प्रभावित सम्मेलन में ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा एकत्रित नेताओं को किसी भी समझौते पर पहुंचने के लिए राजी कर पाएंगे।
अर्जेंटीना ने बनाई दूरी
अर्जेंटीना ने शुरुआती मसौदों की भाषा को चुनौती दी और वह एकमात्र देश था जिसने पूरे दस्तावेज का समर्थन नहीं किया। स्वतंत्र राजनीतिक सलाहकार और ब्राजील के पूर्व मंत्री थामस ट्रामैन ने कहा, 'एक ऐसा क्षण था जब कोई घोषणा नहीं होने का जोखिम था। चेतावनियों के बावजूद यह लूला डी सिल्वा के लिए एक अच्छा परिणाम है।'
इजरायल पर हमास के हमले के लगभग एक वर्ष बाद घोषणा-पत्र में बिना दोषारोपण के युद्धों की निंदा और शांति का आह्वान किया गया है। इसमें गाजा में भयावह मानवीय स्थिति और लेबनान में तनाव बढ़ने का उल्लेख किया गया है। इसमें मानवीय सहायता का विस्तार करने और नागरिकों की बेहतर सुरक्षा करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया गया है।