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G7 summit Agenda: दो जंगों के साये में हो रही G-7 समिट, भारत स्थाई सदस्य नहीं, फिर भी बढ़ी धाक, जानिए क्या है एजेंडा?

Italy G7 summit पीएम नरेंद्र मोदी जी 7 समिट में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंच गए हैं। यह समिट दो जंगों के बीच हो रही है। भारत इस सम्मेलन का स्थाई सदस्य नहीं है इसके बावजूद कई वर्षों से लगातार इस समिट में आमंत्रित किया जाता रहा है। ऐसे वैश्विक मंचों पर भारत की धाक बढ़ी है। जानिए इस समिट से जुड़ी खास बातें।

By Jagran News Edited By: Deepak Vyas Updated: Fri, 14 Jun 2024 05:58 PM (IST)
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Italy G7 summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 समिट में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंच गए

दीपक व्यास, नई दिल्ली। G7 summit 2024 key agenda: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 समिट में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंच गए हैं। यहां उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों और ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक सहित कई राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की। जी-7 समिट दुनिया के सबसे धनी और विकसित देशों का समूह है, जिसमें वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी। इजराइल हमास, रूस और यूक्रेन जंग के बीच ये समिट बेहद अहम है। भारत इस समूह का स्थाई हिस्सा नहीं है। इसके बावजूद इस बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की धाक दिखाई देती है।

यही कारण है कि जी-7 आमंत्रित देशों में एशिया से सिर्फ भारत को ही आमंत्रित किया गया है। जी-7 समिट की उपयोगिता क्या है, इस बार इस समिट का एजेंडा क्या है, पीएम मोदी की लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के बाद इस मंच पर भारत की ताकत किस तरह उभरकर दिखाई देगी। इन सभी पहलुओं पर नजर डालते हैं।

इटली में आयोजित हो रहे इस जी-7 सम्मेलन में कल एक ऐसा नजारा दिखा, जिसने सभी भारतीयों का ध्यान आकर्षित किया। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भारतीय अभिवादन परंपरा को अपनाते हुए वैश्विक नेताओं का हाथ जोड़कर 'नमस्कार' करके स्वागत किया। दरअसल, भारत में जी-20 का सम्मेलन जब दिल्ली में आयोजित हुआ था, तब सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेलोनी सहित सभी वैश्विक नेताओं को हाथ जोड़कर स्वागत किया था।

भारत के अलावा ये देश भी होंगे शामिल

भारत के अलावा जी-7 के मेजबान इटली ने दक्षिण अफ्रीका, अल्जीरिया, मिस्र, अर्जेंटीना, ट्यूनीशिया, ब्राजील, केन्या जैसे देशों को भी बुलाया है। इसके अलावा यूएन और यूरोपीय संघ भी इस समिट में परंपरागत रूप से हिस्सा लेता है।

क्या है जी-7 समूह, क्यों बनाया गया यह संगठन?

दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी देशों का संगठन है जी-7, जिसमें अमेरिका, कनाडा, इटली, जापान, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं। 51 साल पहले यानी मार्च 1973 को इस समूह का गठन किया गया था। आज जो जी-7 है, वह कभी जी-8 था। क्योंकि रूस भी इस समूह का सदस्य था। लेकिन बाद में कुछ मतभेदों की वजह से रूस को बाहर निकाल दिया गया। इस संगठन को दुनिया में व्याप्त तेल संकट से निपटने के लिए बनाया गया था।

कैसे तय होता है जी-7 समिट का अध्यक्ष?

इस बार जी-7 की मेजबानी इटली कर रहा है। दरअसल, जो देश इस समूह की बैठक को होस्ट करता है, वह उस साल उस समूह का अध्यक्ष होता है। जी-7 अति विकसित देशों का समूह है। इन देशों में दुनिया की कुल 10 फीसदी जनसंख्या निवास करती है, लेकिन विश्व की 45 फीसदी सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी इन देशों की है।

क्या है इस बार जी-7 का एजेंडा?

  • जी-7 समिट ऐसे समय आयोजित की जा रही है, जब दुनिया दो बड़ी जंगों के साये में जी रही है। रूस और यूक्रेन युद्ध फरवरी 2022 से जारी है, वहीं पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के इजराइल पर हमले के बाद से ही इजराइल और हमास में जोरदार जंग छिड़ी हुई है। गाजा पट्टी युद्ध की विभीषिका झेल रही है। दो जंगों के अलावा जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व की समस्या है। इन ज्वलंत मुद्दों को इस समिट के एजेंडे रखा गया है।
  • इसके अलावा अफ्रीका महाद्वीप की समस्याओं को भी प्राथमिकता से रखा गया है। भारत में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भी अफ्रीका के हितों को प्रमुखता से उठाया गया था।
  • वहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी यानी एआई पूरे विश्व में इस समय चर्चा में हैं, इसके उपयोग और दुरुपयोग संबंधी मुद्दा भी इस समूह के एजेंडे में शामिल है। इसके अलावा एनर्जी के विभिन्न स्त्रोतों पर भी विमर्श होगा।

जी-7 जैसे मंचों पर क्यों बढ़ी भारत की धाक?

भारत लंबे समय से जी-7 में हिस्सा ले रहा है। 140 करोड़ लोगों की आबादी और दुनिया के सबसे बड़े कारोबारी बाजारों में शुमार भारत आज दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। ऐसे समय में जी-7 के मंच पर भारत की मौजूदगी और बात को गंभीरता से लिया जाता है। एक कारण यह भी है कि पिछले 10 साल से बहुमत की सरकार होने के कारण भारत की अपनी इन मंचों पर मजबूती और ज्यादा दिखाई देती है।

पीएम मोदी पहुंचे इटली, बाइडेन से हो सकती है मुलाकात

इटली में जी-7 सम्मेलन से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुलाकात हो सकती है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जैक सुलिवन ने बुधवार को यह जानकारी दी है। इसके अलावा पीएम मोदी ने इटली में पहुंचकर ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों से मुलाकात की है। इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी सहित कई वैश्विक नेताओं से मुलाकात का भी कार्यक्रम है।