नाइजर के बाद गैबॉन में तख्तापलट, सेना ने चुनाव में लगाया धांधली का आरोप; राष्ट्रपति अली बोंगो को किया नजरबंद
अफ्रीका के एक और देश गैबॉन में सेना द्वारा तख्तापलट किया गया है। गैबॉन की सेना के अधिकारियों ने तख्तापलट करते हुए राष्ट्रपति अली बोंगो को नजरबंद कर दिया है। समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार मध्य अफ्रीकी देश गैबॉन की सेना के अधिकारियों ने तख्तापलट की जानकारी एक टीवी चैनल के माध्यम से दी। हाल ही में गैबॉन में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव संपन्न हुए थे।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Wed, 30 Aug 2023 04:37 PM (IST)
लिब्रेविले, एजेंसी। अफ्रीका के एक और देश गैबॉन में सेना द्वारा तख्तापलट किया गया है। गैबॉन की सेना के अधिकारियों ने तख्तापलट करते हुए राष्ट्रपति अली बोंगो को नजरबंद कर दिया है। समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार, मध्य अफ्रीकी देश गैबॉन की सेना के अधिकारियों ने तख्तापलट की जानकारी एक टीवी चैनल के माध्यम से दी।
चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद किया सेना ने तख्तापलट
दरअसल, हाल ही में गैबॉन में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव संपन्न हुए थे। देश के चुनाव आयोग ने नतीजों की घोषणा की। राष्ट्रपति अली बोंगो लगातार तीसरी बार गैबॉन में हुए चुनाव में विजय घोषित किए गए। हालांकि, कुछ देर बाद ही सेना ने तख्तापलट की घोषणा कर दी। सेना के कुछ अधिकारियों ने चुनाव परिणाम को रद कर दिया। साथ ही उन्होंने देश की सीमाओं को भी सील कर दिया।
सेना ने टीवी चैनल के माध्यम से दी तख्तापलट की जानकारी
सेना के एक दर्जन वरिष्ठ अधिकारियों ने एक टीवी चैनल पर बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति बोंगो को हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा सभी सरकारी संस्थानों को भंग कर दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में धांधली हुई, जिस वजह से सेना ने ये कदम उठाया।
तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए अली बोंगे
बता दें कि राष्ट्रपति बोंगो को साल 2009 में अपने पिता उमर से सत्ता विरासत में मिली थी। वे लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए थे। वहीं, सेना ने कहा कि इस चुनाव में पारदर्शिता नहीं थी। हालांकि, बोंगो को नजरबंद किए जाने के बाद राजधानी लिब्रेविले में गोलीबारी की भी आवाजें सुनाई दी गई।गैबॉन सरकार ने तख्तापलट पर नहीं की कोई टिप्पणी
बताते चलें कि सेना ने तख्तापलट के बाद पुलिस अधिकारियों को गैबॉन की सड़कों पर सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया है। हालांकि, गैबॉन सरकार ने सेना द्वारा किए गए तख्तापलट पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इससे पहले राष्ट्रपति अली बोंगो आखिरी बार वोट डालते हुए नजर आए थे। उल्लेखनीय है कि साल 2020 के बाद से पश्चिम और मध्य अफ्रीका के किसी देश में यह आठवां तख्तापलट है। इससे पहले नाइजर में इसी साल जुलाई में तख्तापलट हुआ था।