एंटी एजिंग प्रोडक्ट से घटाई पांच साल उम्र, भविष्य में शव को किया जा सकता है पुनर्जीवित; जर्मन कंपनी का दावा
मौत एक परम सत्य है लेकिन कोई मरना नहीं चाहता। इस बीच जर्मन में एडवांस टेक्नोलॉजी के चलते एक कंपनी ने हमेशा जीवित रहने के लिए अलग-अलग एक्सपेरिमेंट्स किए हैं। क्रायोप्रिजर्वेशन के जरिए इंसान वापस जिंदा हो सकता है। कंपनी का लक्ष्य एक ऐसी दुनिया का निर्माण करना है जहां लोग चुन सकें कि वे कितने समय तक रहना चाहते हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जो इस दुनिया में आया है, एक दिन उसने जाना ही है। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताते हैं, जो मरे हुए इंसान को वापस जिंदा कर सकते हैं। सिलिकॉन वैली कंपनी के सीईओ ब्रायन जॉनसन हमेशा जीवित रहने के लिए अलग-अलग एक्सपेरिमेंट्स करते रहते है। 46 साल के जॉनसन पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें इस प्रक्रिया में सफलता भी मिली है। उन्होंने एंटी एजिंग प्रोडक्ट के माध्यम से अपनी बायोलॉजिकल उम्र पांच साल घटा दी।
इसके बाद अब जर्मनी में एक स्टार्ट-अप कंपनी ने एडवांस टेक्नोलॉजी के चलते लोगों को क्रायोप्रिजर्वेशन में फ्रीज करने का ऑफर दिया है। मैशेबल के मुताबिक, कंपनी के मालिक टुमॉरो बायो मौत के बाद पूरे शरीर को वापस से सुरक्षित कर सकते हैं और ऐसा करने के लिए उन्होंने लोगों से 1.8 करोड़ रुपये लिए हैं और अगर कोई सिर्फ अपने दिमाग को फ्रीज करना चाहता है तो इसका दाम उन्होंने 67.2 लाख रुपये रखा है।
लोगों के पास होगा हमेशा जिंदा रहना का ऑप्शन
टुमॉरो बायो ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि कंपनी का लक्ष्य 'एक ऐसी दुनिया का निर्माण करना है जहां लोग चुन सकें कि वे कितने समय तक रहना चाहते हैं - वे कहां हैं, वे कौन हैं और उनके वित्तीय संसाधनों से स्वतंत्र हैं'।
मैशबल ने कहा कि छह लोगों और पांच पालतू जानवरों को पहले ही क्रायोप्रिजर्वेशन के तहत रखा जा चुका है, और 650 से अधिक लोग जिन्होंने इस सेवा के लिए भुगतान किया है, वे अभी इंतजार कर रहे हैं।
क्रायोप्रिजर्वेशन में 198 डिग्री से नीचे चला जाता तापमान
क्रायोप्रिजर्वेशन के माध्यम से, जहां तापमान शून्य से 198 डिग्री सेल्सियस नीचे होता है, कंपनी शरीर को 'बायोस्टैसिस' में डाल देती है - एक ऐसी स्थिति जहां सभी बायोलॉजिकल प्रक्रियाएं हमेशा के लिए बंद हो जाती हैं।कंपनी का दावा है कि भविष्य में शव को स्वेच्छा से पुनर्जीवित किया जा सकता है और मौत के कारण का इलाज किया जा सकता है।
इस तकनीक से मिलेगा फायदा
क्रायोप्रिजर्वेशन एक ऐसी तकनीक है जहां तापमान इतना कम होता है कि आम इंसान इसमें एक पल भी ठहर नहीं सकता लेकिन इसी तापमान में वैज्ञानिक इंसानी शरीर को सालों तक सुरक्षित रखते हैं। हालांकि, क्रायोप्रिजर्वेशन फ्रीजिंग से अलग है। इसमें शरीर पर बर्फ के क्रिस्टल को रोकने के लिए एक विशेष क्रायोप्रोटेक्टेंट समाधान (तरल नाइट्रोजन) शामिल होता है, जो इसके लिए हानिकारक हो सकता है।