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फैक्‍ट चेक: जर्मनी ने कोरोना वायरस को लेकर चीन को नहीं भेजा कोई बिल, दावा गलत!

Reuters की खबर Daily Express नाम की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर लिखी गई है जिसमें एक लेख के जरिए जर्मनी द्ववारा चीन को बिल भेजने के जरिए मजाक उड़ाया गया है।

By Monika MinalEdited By: Updated: Tue, 21 Apr 2020 12:13 AM (IST)
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फैक्‍ट चेक: जर्मनी ने कोरोना वायरस को लेकर चीन को नहीं भेजा कोई बिल, दावा गलत!
डिसक्‍लेमर: जागरण डॉट काम में प्रकाशित की गई रायटर्स (Reuters) न्‍यूज एजेंसी की एक खबर में Daily Express नाम की वेबसाइट के आधार पर दावा किया गया कि जर्मनी ने कोरोना वायरस के नुकसान के लिए चीन को एक बिल भेजा है। जब हमने इस खबर का फैक्‍ट चेक किया तो यह दावा गलत निकला। इसमें एक लेख के हवाले से और फर्जी बिल के जरिए जर्मनी द्वारा चीन को बिल भेजने का सुझाव दिया गया था न कि भेजा गया। चीन को बिल भेजने के जरिए वास्तव में जर्मनी के सबसे बड़े समाचार पत्र बिल्ड द्वारा मजाक उड़ाया गया है। Reuters की तरफ से इस गलत खबर के बारे में अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं जारी किया गया है लेकिन एक जिम्मेदार संस्थान होने के नाते एजेंसी की इस त्रुटिपूर्ण रिपोर्ट की वजह से पाठकों को गलत जानकारी मिली, जिसकी वजह से हम इस रिपोर्ट को वापस ले रहे हैं।

   एक जर्मन अखबार ने इसके लिए एक फर्जी बिल पेश किया है, लेकिन वास्‍तविकता में जर्मन सरकार ने कोई बिल नहीं भेजा है, बल्कि अखबार ने बिल भेजने के लिए सुझाव दिया है। डेली एक्सप्रेस वेबसाइट पर अपलोड एक लेख में दावा किया गया है कि जर्मनी ने कोरोना वायरस से हुए नुकसान की भरपाई के लिए चीन को 130 बिलियन डॉलर का बिल भेजा है। इस लेख में कई गलतियां हैं। 

जर्मनी द्वारा बिल भेजने को हेडलाइन में हवाला देने के साथ-साथ लेख में कहा गया है कि बर्लिन ने चीन को चालान जारी किया है। इसमें जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की एक फोटो का उपयोग किया गया है और इस खबर के यूआरएल में उनके नाम का प्रयोग किया गया है। चीन को बिल भेजने के जरिए वास्तव में जर्मनी के सबसे बड़े समाचार पत्र बिल्ड द्वारा मजाक उड़ाया गया है, जिसमें कोरोना वायरस से जर्मनी की अर्थव्यवस्था को 130 बिलियन डॉलर के नुकसान होने का आकलन किया गया था।

पहले पैराग्राफ में कहा गया है कि बिल को एक प्रमुख समाचार पत्र द्वारा तैयार किया गया है, लेकिन खबर की हेडलाइन, सबहेडिंग और फोटोग्राफ में इस सुझाव का मतलब है कि किसी को भी इस बात की ओर निगाह डालना होगा कि कि क्‍या वास्‍तव में जर्मन सरकार ने बिल भेजा ? इसके हेडलाइन के स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया पर अलग से साझा किया गया है। जर्मनी के विदेश मंत्री हेइको मास ने कहा है कि चीन को बिल भेजन का विचार भ्रामक है। 

 coronavirus : नुकसान की भरपाई करे चीन, जर्मनी ने भेजा अरबों का बिल 

बर्लिन, रायटर्स। ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका की सुर में सुर मिलाते हुए जर्मनी ने भी चीन को वैश्‍विक महामारी फैलाने का आरोप लगाते हुए 130 अरब यूरो का बिल भेजा है। जर्मनी के इस कदम से चीन में बौखलाहट है। जर्मनी के एक न्‍यूजपेपर में छपी खबर के अनुसार, महामारी को लेकर चीन (China) के राष्ट्रपति शी चिनफिंग पर हमला किया है और दुनिया को खतरे मे डालने के लिए जिम्‍मेदार बताया है।

शनिवार को अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने चीन को चेताया कि अगर चीन ने ऐसा काम जान-बूझकर किया है तो उसे इसके लिए उसे गंभीर परिणाम भुगतना होगा। ट्रंप ने कहा, ‘जब यह संक्रमण शुरू हुआ तभी इसे चीन में रोका जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब पूरी दुनिया इसके चपेट में है।’ उन्‍होंने आगे कहा, ‘यदि यह गलती थी तो ठीक है लेकिन अगर यह जानबूझकर किया गया है तब इसके बुरे परिणाम होंगे।’

जर्मनी में इस महामारी के कारण अनुमानित नुकसान 130 अरब यूरो का बताया गया है और इससे संबंधित पूरी लिस्‍ट यहां के प्रसिद्ध अखबार ‘बिल्‍ड’ में प्रकाशित भी की गई है। इसके अनुसार, प्रति व्‍यक्‍ति कुल 1784 यूरो का नुकसान हुआ है और देश की जीडीपी में भी गिरावट हुई है। जर्मनी के इस हमले से तिलमिलाए चीन ने इसे राष्ट्रवाद को बढ़ावा और विदेशियों से नफरत को दर्शाने वाला कदम बताया है। चीन से मिल रही खबरों से पता चलता है कि उसने इस घातक वायरस के संक्रमण के खतरे को छिपाने की कोशिश की ।

डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगातार चीन पर ऐसे आरोप लगाए जाते रहे हैं कि उसके किसी भी काम में पारदर्शिता नहीं होती है। इस घातक वायरस का स्रोत रहे चीन का वह वेट मार्केट फिर से शुरू भी कर दिया गया है।

रॉयटर्स के अनुसार, जर्मनी में कोरोना वायरस से संक्रमण के कुल मामले 141,672 हैं जो रॉबर्ट कोच इंस्‍टीट्यूट (Robert Koch Institute, RKI) द्वारा सोमवार को जारी की गई है। इस मामले में अब तक मरने वालों की संख्‍या यहां 4,404 है।