Afghanistan: गरीबी रेखा के नीचे अफगानिस्तान की आधी आबादी, देश में महिलाओं की आर्थिक स्थिति बद से बदतर
विश्व बैंक के शीर्ष अर्थशास्त्री सिल्विया रेडाएली ने कहा कि अफगानिस्तान की आधी आबादी अभी गरीबी रेखा के नीचे रह रही है। विकास एवं आर्थिक मामलों के लिए संस्थान के निदेशक एवं सहसंस्थापक नाहिद सराबी ने भी एक चर्चा में कहा कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति बदतर होती जा रही है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियां अफगानिस्तान में आर्थिक संकट के बारे में चिंता व्यक्त कर चुकी हैं।
एएनआई, काबुल। तालिबान शासन के अंकुश और विश्व में अलग-थलग पड़ गए अफगानिस्तान की जनता गरीबी की मार झेलने को विवश है। विश्व बैंक के शीर्ष अर्थशास्त्री सिल्विया रेडाएली ने कहा कि अफगानिस्तान की आधी आबादी अभी गरीबी रेखा के नीचे रह रही है।
महिलाओं की स्थिति हो रही है बदतर
विकास एवं आर्थिक मामलों के लिए संस्थान के निदेशक एवं सहसंस्थापक नाहिद सराबी ने भी एक चर्चा में कहा कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति बदतर होती जा रही है। कुछ अर्थशास्ति्रयों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण देश में आर्थिक चुनौतियां बढ़ गई हैं। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस समस्या का समाधान करने के लिए इस्लामिक अमीरात क्षेत्र के देशों के साथ आर्थिक संपर्क बढ़ाया जाना चाहिए।
तालिबान नियुक्त आर्थिक मंत्रालय ने क्या कहा?
तालिबान नियुक्त आर्थिक मंत्रालय ने कहा कि देश में बड़ी आर्थिक परियोजनाएं लांच कर वे लोग नागरिकों के लिए रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने में जुटे हैं। निजी क्षेत्र और बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है।
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अफगानिस्तान में तीन करोड़ की मानवीय सहायता की जरूरत
मालूम हो कि इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियां अफगानिस्तान में आर्थिक संकट के बारे में चिंता व्यक्त कर चुकी हैं। एजेंसियों के अनुसार, अफगानिस्तान में करीब तीन करोड़ लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है।
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