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Israel Hamas War: कितने अमेरिकी राष्ट्रपति अब तक कर चुके इजरायल का दौरा? क्यों हर वक्त मुस्तैद रहता है AIRFORCE-1

इजरायल और हमास के बीच लगातार 12वें दिन भीषण युद्ध जारी है। इस युद्ध के दौरान दोनों देशों के कई लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं आज अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायल का दौरा किया। यहां बाइडन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की। यहां जानिए कि कितनी बार US प्रेसिडेंट्स ने इजरायल का दौरा किया है।

By Versha SinghEdited By: Versha SinghUpdated: Wed, 18 Oct 2023 06:00 PM (IST)
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कितने अमेरिकी राष्ट्रपति अब तक कर चुके इजरायल का दौरा?

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। हमास और इजरायल के बीच पिछले 12 दिनों से लगातार युद्ध जारी है। इस युद्ध में दोनों देशों के कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है। बीते मंगलवार को गाजा में स्थित एक अस्पताल पर हुए हमले में कई लोगों की मौत हुई थी। गाजा के अस्पताल में हुए हमले की निंदा संयुक्त राष्ट्र ने भी की है। वहीं, आज US प्रेसिडेंट जो बाइडन तेल अवीव पहुंचे हैं। इस दौरान एयरपोर्ट पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उनसे मुलाकात की।

इस खबर में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अब तक कितनी बार प्रेसिडेंट्स इजरायल की यात्रा कर चुके हैं।

अब तक कितनी बार US Presidents ने किया इजरायल का दौरा?

जो बाइडन ने किया इजयरायल का दौरा

बता दें कि आज अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने युद्धरत इजरायल का दौरा किया है। इस दौरान इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को गाजा अस्पताल विस्फोट मामले में बड़ा बयान दिया है।

युद्ध के बीच इजरायल पहुंचे बाइडेन ने कहा कि गाजा पट्टी के अस्पताल में जो विस्फोट हुआ है, वह इजरायल के कारण नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि अस्पताल में विस्फोट के समय काफी लोग थे। ऐसे में निश्चित नहीं है कि विस्फोट का असल कारण क्या था।

कैसी होती है प्लेन की सिक्योरिटी

जब किसी भी देश के प्रतिनिधि कुछ निम्नलिखित देशों का दौरा करते हैं तो उस समय उनकी सिक्योरिटी का पूरा ध्यान रखा जाता है। बता दें कि US प्रेसिडेंट्स Air Force -1 से यात्रा करते हैं। आइए इसकी सिक्योरिटी के बारे में और अधिक जानने की कोशिश करते हैं।

Airforce -1 कैसे करता है काम?

Air Force -1 के बारे में अधिक जानकारी देते हुए एक क्रू मेंबर ने बताया कि ये विमान 4 क्रू-मैन के साथ उड़ान भरता है, जिसमें पायलट, को-पायलट, इंजीनियर और नेविगेटर मौजूद होते हैं। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी दूसरे 747 में इतना इलीट ग्रुप शामिल नहीं होता है। यात्रा करने से पहले प्रेसिडेंट के कम्पार्टमेंट की आखिरी दौर की तैयारियों का जायजा भी लिया जाता है। प्रेसिडेंट के पर्सनल क्वार्टर में एक प्राइवेट एयरबोर्न अपार्टमेंट शामिल होता है, जिसमें घर जैसी सभी सुविधाएं होती हैं।

उन्होंने आगे कहा कि प्रेसिडेंट के प्लेन तक पहुंचने से पहले सिक्योरिटी फुल अलर्ट पर रहती है। इस दौरान रनवे को भी लॉक कर दिया जाता है। काउंटर असॉल्ट टीम फील्ड के चारों और अपनी पोजिशन ले लेती है। सिर्फ प्लेन में चढ़ने वाले पर्सनल्स को छोड़कर अपनी जगह से कोई भी मूव नहीं कर सकता है।

उन्होंने आगे बताया कि जैसे ही US प्रेसिडेंट का हेलिकॉप्टर रनवे पर लैंड करता है तो उससे पहले US मरीन अमेरिका के बहुत ही खास एयरफोर्स स्पेस एंड्रयूज पर लैंड करता है। उनका मकसद होता है अमेरिका के प्रेसिडेंट को प्रेसिडेंशियल एयर लिफ्ट ग्रुप के हवाले करना।

ऑफिशियली एयरफोर्स 1 एक प्लेन नहीं बल्कि एक एयर ट्रैफिक कॉल साइन है। प्रेसिडेंट के प्लेन में सवार होने के बाद ही इस मिलिट्री जेट को एयरफोर्स-1 नाम दिया जाता है।

पूरे थ्रोटल पर इस प्लेन के इंजन करीब 1 लाख 13 हजार किलो थ्रस्ट पैदा करते हैं। करीब 290 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार हासिल करने पर एयरफोर्स -1 टेक ऑफ करता है।

प्रेसिडेंट और उनके इनर सर्कल के लिए ये प्लेन उड़ता हुआ एक ओवल ऑफिस होता है। इसका कॉन्फ्रेंस रूम पूरी तरह से साउंड प्रूफ होता है ताकि यहां होनी वाली टॉप सीक्रेट बीतचीत सिक्योर रहें। क्रू को जमीन से 12000 मीटर की ऊंचाई पर किसी भी सिचुएशन के लिए तैयार रहना होता है। एक एयरफोर्स डॉक्टर हर फ्लाइट के दौरान प्रेसिडेंट के साथ मौजूद होता है।

प्लेन के एक हिस्से में सिर्फ कुछ ही लोगों को जाने की अनुमति होती है। ये पूरा ऑपरेशन कॉन्सटेंट और सीमलेस कम्युनिकेशन पर टिका हुआ होता है। हर सिग्नल कॉम्स-बे (Coms -Bay) से गुजरता है चाहे ये पैसेंजर्स का हो, या प्रेसिडेंट का या क्रू का।

बता दें कि कॉन्स बे बॉडबैंड इंटरनेट ट्रैफिक, सेटेलाइट टेलीविजन सिग्नल्स और 87 अलग-अलग फोन्स को प्रॉसेस करती है। व्हाइट फोन अनक्लासिफाइड कॉल्स के लिए और ब्राउन फोन्स सिक्योर्ड और एन्क्रिप्टेड लाइन्स के लिए इस्तेमाल होता है। फ्लाइट में Chef भी मौजूद रहते हैं। जिनके पास प्रेसिडेंट क्या खाते हैं और कैसी कॉफी पीते हैं इन सबकी जानकारी होती है।

प्लेन के लैंड होने के समय क्या होता है?

जब प्लेन के लैंडिंग का समय आता है तो एयरफोर्स -1 को किसी भी हाल में उसी जगह पर उतरना होता है जहां प्रेसिडेंट जाना चाहते हैं। इस प्लेन के पास किसी भी आपातस्थिति में भी किसी दूसरी जगह जाने की इजाजत नहीं होती है।

जब जॉर्ज बुश के प्लेन में आई थी खराबी…

उनहोंने आगे बताया कि एक बार प्रेसिडेंट जॉर्ज बुश के एयरफोर्स 1 की लैडिंग हाईड्रॉलिक्स में क्रू मेंबर्स को एक लीकेज दिखाई दी थी। जिससे कारण प्लेन के टेक ऑफ में दिक्कत आ गई थी। सुबह के समय जब एयरफोर्स 1 के मेंबर्स ने प्लेन को चालू किया तो उन्हें नीचे की तरफ जमीन पर काफी ऑयल टपकता हुआ दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि इस खराबी को ठीक करने के लिए एक स्क्रू की जरूरत पड़ेगी और तब भी बात नहीं बनी तो एक्च्यूलेटर बदलना होगा। जिसके बाद एयर स्ट्रिप से ही इंजीनियर्स ने पूरी दुनिया में इस इकलौते मिसिंग स्क्रू की खोज शुरु कर दी।

इस दौरान क्रू मेंबर्स से जॉर्ज बुश ने कहा, मुझे ये तुरंत चाहिए। किसी ऐसे शख्स से कॉन्टैक्ट कीजिए जो ये काम कर सके... किसी एयरपोर्ट पर भी ढूंढने की तुरंत कोशिश कीजिए क्योंकि आज हमें यहां से रवाना होना ही है।

क्रू मेंबर ने आगे कहा कि उन देशों में फ्लाइट डिले (Flight Delay) का कोई ऑप्शन नहीं होता है जहां टेररिज्म का बोलबाला होता है। 

एक क्रू मेंबर ने कहा कि हम एक 747 प्लेन को ट्रबल वाले देश में लेकर आए थे जिस पर यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका लिखा हुआ था वो भी अमेरिकन फ्लैग के साथ, यानी इस देश में अब अगर कोई सबसे बड़ा टारगेट था तो वो ये प्लेन ही था। 

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(सोर्स- खबर में एयरफोर्स 1 से संबंधित कुछ जानकारियां नेशनल जियोग्राफिक की डॉक्यूमेंट्री AIRFORCE-1 द फ्लाइंग फोर्ट्रेस से साभार ली गई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपतियों के इजरायल दौरे की जानकारी history.state.gov से साभार ली गई हैं।)