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तालिबान ने कैदी को ही बनाया काबुल जेल का प्रभारी, कैदियों से ठसाठस भरी जेलों में सन्नाटा पसरा

काबुल के पूर्वी क्षेत्र में बनी पुल ए चरखी जेल एक समय कैदियों से ठसाठस भरी हुई थी वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है। काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने यहां के सभी कैदियों को रिहा कर दिया है। अफगानिस्तान की कई जेलें इसी तरह वीरान हो गई हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Tue, 14 Sep 2021 08:44 PM (IST)
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अफगानिस्‍तान में तालिबान ने कैदी को ही बनाया काबुल जेल का प्रभारी।
काबुल, एजेंसी। काबुल के पूर्वी क्षेत्र में बनी पुल ए चरखी जेल एक समय कैदियों से ठसाठस भरी हुई थी, वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है। काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने यहां के सभी कैदियों को रिहा कर दिया है। अफगानिस्तान की कई जेलें इसी तरह वीरान हो गई हैं। रोचक तथ्य ये है कि एक दशक पहले पूर्वी कुनार प्रांत से जिस तालिबान आतंकी को पकड़कर पुल ए चरखी जेल लाया गया था, वही अब जेल का प्रभारी है।

तालिबान साथियों के साथ जेल की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्‍मा

उसने एपी को नाम न बताने की शर्त पर बताया कि उसे यहां आंखों पर पट्टी बांधकर लाया गया था। अब वह अपने कुछ तालिबान साथियों के साथ जेल की सुरक्षा व्यवस्था देख रहा है। उसके कुछ साथी जेल को देखने के लिए भी आए हुए थे। जेल से कैदी छोड़ने के बाद से उसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। पानी की बोतलें, छोड़े गए सामान और चप्पल-जूते भी ज्यों के त्यों पड़े दिखाई दे रहे थे। जेल के कमांडर के साथ आए एक उसके साथी ने जेल में पड़ी एक चप्पल को अपने पैर में डाला। नाप ठीक देखते ही उसने अपनी चप्पल वहीं छोड़कर उस चप्पल को पैरों में डाल लिया। राजधानी काबुल की पुल ए चरखी जेल में पांच हजार कैदियों को रखे जाने की व्यवस्था है। यह अफगानिस्तान की सबसे बड़ी जेल है। वीरान पड़ी जेल का नजारा यह बताने के लिए पर्याप्त है कि अब सभी अपराधी सलाखों के बाहर हैं।

तालिबान कर रहा है मानवाधिकारों का उल्लंघन

उधर, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मानवाधिकार परिषद को मिशेल बाचेलेत ने बताया कि तालिबान घरों में तलाशी ले रहा है। वह अमेरिकी सहयोगियों और पूर्व सरकार में रहे सुरक्षा कर्मचारियों को खोज रहा है। इस दौरान वह लोगों को यातना दे रहा है। अधिकार समूहों के कार्यालय बंद हो गए हैं। बाचेलेत ने मानवाधिकार परिषद की बैठक में एक वीडियो भी दिखाया, जिसमें तालिबान एक युवक को जबरन गाड़ी की डिग्गी में डाल रहे हैं। यह घटना काबुल की है। बाचेलेत ने कहा, उनके पास विश्वसनीय रिपोर्ट हैं कि तालिबान पूर्व सरकार के अधिकारियों और उनके परिवारों पर अत्याचार कर रहा है। उन्होंने बताया कि तालिबान कुछ स्थानों पर यूएन कर्मचारियों के साथ भी मारपीट और धमका रहा है।