India Nepal Relation: एक दूसरे के विरुद्ध अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देंगे भारत-नेपाल
भारत और नेपाल एक दूसरे के विरुद्ध राष्ट्र विरोधी गतिविधियां के लिए अपनी जमीन इस्तेमाल नहीं होने देंगे। दोनों बलों के प्रमुख अवैध रूप से सीमा पार करने से तीसरे राष्ट्र के नागरिकों को रोकने के लिए तंत्र विकसित करने पर सहमत हुए हैं।
By Jagran NewsEdited By: Ramesh MishraUpdated: Fri, 30 Sep 2022 07:51 PM (IST)
काठमांडू, एजेंसी। भारत और नेपाल एक दूसरे के विरुद्ध राष्ट्र विरोधी गतिविधियां के लिए अपनी जमीन इस्तेमाल नहीं होने देंगे। दोनों देशों के सशस्त्र सीमा बल के अधिकारियों ने भारत-नेपाल सीमा के जरिये तीसरे देश के नागरिकों के अवैध रूप से सीमा पार करने की घटनाओं को रोकने के उपायों पर यहां चर्चा की। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक सुजय लाल थाओसेन और नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) के महानिरीक्षक राजू आर्य के बीच गुरुवार को यहां संयुक्त समन्वय बैठक हुई।
बैठक में सीमा पार अपराधों को रोकने के लिए सूचना तंत्र को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की गई। एसएसबी ने एक बयान में कहा कि दोनों बलों के प्रमुख अवैध रूप से सीमा पार करने से तीसरे राष्ट्र के नागरिकों को रोकने के लिए तंत्र विकसित करने पर सहमत हुए हैं। बयान के मुताबिक, यह भी निर्णय लिया गया कि सीमा बल वर्तमान चुनौतियों के मद्देनजर उपयोग किए जाने वाले तरीकों में सुधार करना जारी रखेंगे।
माईरिपब्लिका अखबार ने बैठक में भाग लेने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया कि भारतीय पक्ष ने अवैध गतिविधियों में लिप्त पाकिस्तानी और चीनी नागरिकों के नेपाल के सीमा क्षेत्रों से भारत में प्रवेश को रोकने का अनुरोध किया। डीजी थाओसेन के नेतृत्व में एसएसबी प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री बाल कृष्ण खंड से भी मुलाकात की और भारत और नेपाल के दो सीमा बलों के बीच दोस्ती और सहयोग को मजबूत करने की एसएसबी की प्रतिबद्धता को दोहराया।
बता दें कि दोनों देश के बीच सीमा सुरक्षा, प्रबंधन और समन्वय को लेकर इस बैठक को आयोजित किया गया था। बैठक मंगलवार को शुरू हुई और गुरुवार शाम काठमांडू में संपन्न हुई। नेपाल भारत के साथ 1850 किमी से अधिक की सीमा साझा करता है जो सिक्किम, बंगाल, बिहार, उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश के साथ लगती हैं। अपनी जरूरतों के लिए नेपाल भारत पर काफी हद तक निर्भर है।